शनिवार सुबह अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 5 बजकर 35 मिनट और 55 सेकंड पर दर्ज किया गया। इसका केंद्र अरुणाचल प्रदेश के केई पन्योर (Keyi Panyor) क्षेत्र में था और इसकी गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे बताई गई है। भूकंप की तीव्रता हल्की रही और अब तक किसी भी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
एनसीएस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप का स्थान 27.56 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 93.55 डिग्री पूर्वी देशांतर पर रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम थी, लेकिन इसने स्थानीय लोगों के बीच चिंता जरूर बढ़ा दी है।
पिछले कुछ दिनों में भी आए हैं झटके
अरुणाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। इससे पहले 28 जुलाई को तिरप जिले में शाम 6:36 बजे 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय भूकंप का केंद्र सतह से 7 किलोमीटर नीचे था। वहीं, 27 जुलाई को रात 11:43 बजे बिचोम क्षेत्र में 2.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसकी गहराई 5 किलोमीटर रही।
लगातार आ रहे इन भूकंपों से राज्य में लोगों की चिंता बढ़ गई है, हालांकि किसी बड़े नुकसान की अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
जानिए क्यों आते हैं भूकंप?
भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों का नतीजा होते हैं। पृथ्वी की बाहरी परत, जिसे लिथोस्फीयर कहा जाता है, कई बड़ी टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित होती है। ये प्लेटें पिघले हुए मैग्मा पर तैरती हैं और हर साल कुछ सेंटीमीटर की गति से खिसकती रहती हैं।
जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, अलग होती हैं या एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं, तो उनके बीच जमा तनाव अचानक ऊर्जा के रूप में बाहर निकलता है। यह ऊर्जा सिस्मिक वेव्स (भूकंपीय तरंगों) के रूप में धरती की सतह तक पहुंचती है, जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं।