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SEBI रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: जानें भारत में निवेश का असली हाल क्या है?

SEBI रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: जानें भारत में निवेश का असली हाल क्या है?

SEBI के हालिया सर्वे में पता चला कि भारत में निवेश की संभावना बड़ी है, लेकिन सिर्फ 9.5% परिवार ही वास्तविक निवेशक हैं। शहरी क्षेत्र में निवेशक अधिक हैं और निवेशक पूंजी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। निवेश में जटिलता, जानकारी की कमी और भरोसे की कमी मुख्य बाधाएं हैं। सही माहौल बनाने पर निवेश में तेजी की संभावना है।

SEBI report: SEBI के सर्वे में भारत के निवेश माहौल की वास्तविक तस्वीर सामने आई है। देश के 400 शहरों और 1000 गांवों में 90,000 परिवारों पर आधारित इस सर्वे के अनुसार, लगभग 63% परिवारों को निवेश की जानकारी है, लेकिन केवल 9.5% परिवार ही निवेश करते हैं। शहरी क्षेत्रों में निवेशक 15% हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 6% हैं। निवेशक पूंजी की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और निवेश न करने के पीछे जटिलता, जानकारी की कमी और भरोसे की कमी जैसी बाधाएं हैं। सही वित्तीय शिक्षा और सरल प्रक्रियाओं से भारत में निवेश के बड़े अवसर मौजूद हैं।

निवेश में जागरूकता और वास्तविकता का अंतर

सेबी के इस सर्वे में यह सामने आया कि लगभग 63 प्रतिशत भारतीय परिवारों को शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश उत्पादों की जानकारी है। इसके बावजूद केवल 9.5 प्रतिशत परिवार ही वास्तव में निवेश करते हैं। यह आंकड़ा निवेश और जानकारी के बीच मौजूद अंतर को स्पष्ट करता है।

इस सर्वे में देश के 400 शहरों और 1000 गांवों के करीब 90,000 परिवारों को शामिल किया गया। इसे अपनी तरह का सबसे बड़ा निवेश सर्वे माना जा रहा है। इसने न केवल वर्तमान निवेशकों की स्थिति का पता लगाया, बल्कि उन लोगों की जानकारी भी जुटाई जिन्होंने अभी तक निवेश शुरू नहीं किया या जिनमें निवेश की रुचि है।

शहर और गांव में निवेश का फर्क

सर्वे से यह भी पता चला कि शहरी इलाकों में निवेश करने वाले परिवारों की संख्या लगभग 15 प्रतिशत है। वहीं ग्रामीण इलाकों में यह केवल 6 प्रतिशत है। दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में निवेशक सबसे अधिक पाए गए हैं, जहां क्रमशः 20.7 प्रतिशत और 15.4 प्रतिशत परिवार निवेश करते हैं। यह आंकड़ा निवेश की पहुंच और जागरूकता में क्षेत्रीय अंतर को दर्शाता है।

जो लोग निवेश करते हैं, उनमें लगभग 80 प्रतिशत परिवार पूंजी की सुरक्षा को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं। अधिक मुनाफे की तुलना में उन्हें निवेश की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है। यह प्रवृत्ति युवा पीढ़ी में भी देखी गई है। जेन-जी के 79 प्रतिशत लोग जोखिम से बचना पसंद करते हैं। इसका अर्थ है कि भारत में सुरक्षित निवेश विकल्पों की मांग लगातार बढ़ रही है।

सीखने के नए तरीके और जरूरतें

आज के समय में लोग सोशल मीडिया, मोबाइल ऐप्स और डिजिटल विज्ञापनों के जरिए निवेश की जानकारी प्राप्त करना पसंद करते हैं। युवा वर्ग खासकर जेन-जी, छोटे वीडियो और रील्स देखकर सीखना पसंद करता है। वहीं, बड़े उम्र के लोग लेख, पॉडकास्ट और वर्कशॉप से सीखना पसंद करते हैं। हर उम्र के लोगों में अपनी भाषा में वित्तीय शिक्षा की मांग बढ़ रही है।

निवेश में आने वाली बाधाएं

भारत में निवेश न करने के पीछे कई कारण सामने आए हैं। सर्वे के मुताबिक सबसे बड़ी बाधाएं उत्पादों की जटिलता, सही जानकारी की कमी, भरोसे की कमी और निवेश में नुकसान का डर हैं। जो लोग अगले साल निवेश करने की सोच रहे हैं, उन्होंने सरल और डिजिटल तरीकों की मांग जताई है। इसके साथ ही आसान प्रक्रियाओं और सफल निवेश कहानियों की भी जरूरत बताई गई।

सेबी की शिकायत निवारण सेवा और निवेश की संभावनाएं

सेबी की शिकायत निवारण प्रणाली के बारे में जागरूकता अभी कम है। हालांकि, जो लोग इसका इस्तेमाल करते हैं, उनमें लगभग 90 प्रतिशत लोग संतुष्ट हैं। इसका मतलब है कि यदि इस सेवा को बेहतर तरीके से प्रचारित किया जाए, तो यह निवेशकों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, 22 प्रतिशत गैर-निवेशक, जो पहले से बाजार के बारे में जानते हैं, अगले साल निवेश करने की इच्छा रखते हैं। यह साफ करता है कि यदि निवेश प्रक्रिया को सरल और भरोसेमंद बनाया जाए, तो भारत में निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं।

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