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कश्मीर में नया दौर: नॉर्दर्न रेलवे की पहली ऑटो ट्रेन 116 कारों के साथ पहुंची घाटी

कश्मीर में नया दौर: नॉर्दर्न रेलवे की पहली ऑटो ट्रेन 116 कारों के साथ पहुंची घाटी

कश्मीर घाटी में पहली बार ऑटोमोबाइल रेक पहुंची, जो 116 कारें लेकर मानेसर से अनंतनाग तक चली। यह नॉर्दर्न रेलवे की पहल व्यापार और सप्लाई चेन को मजबूत करेगी, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और सड़क मार्ग की तुलना में तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद माल ढुलाई सुनिश्चित करेगी।

Auto train: नॉर्दर्न रेलवे ने कश्मीर घाटी के लिए पहली ऑटोमोबाइल रेक रवाना की, जो 116 कारों के साथ मानेसर से अनंतनाग पहुंची। यह 850 किलोमीटर का 45 घंटे का सफर तय करते हुए USBRL प्रोजेक्ट के तहत घाटी की कनेक्टिविटी और माल ढुलाई क्षमता को बढ़ाएगा। ट्रेन से व्यापार, सप्लाई चेन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।

850 किलोमीटर का यात्रा मार्ग

इस ऑटो ट्रेन ने मानेसर से रवाना होकर लगभग 45 घंटे का सफर तय किया और 3 अक्टूबर को अनंतनाग रेलवे टर्मिनल पर पहुंची। इस दौरान ट्रेन अपने रूट में दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब नदी रेल आर्च ब्रिज से गुज़री। यह ब्रिज न केवल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है बल्कि क्षेत्र की रणनीतिक महत्वता को भी दर्शाता है। इस यात्रा ने यह साबित किया कि रेल नेटवर्क की मदद से कश्मीर में भारी माल और वाहन सुरक्षित और समय पर पहुंचाए जा सकते हैं।

USBRL प्रोजेक्ट से बढ़ी क्षमता

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट के माध्यम से कश्मीर की कनेक्टिविटी और माल ढुलाई की क्षमता में जबरदस्त सुधार आया है। अधिकारियों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के बाद सड़क यातायात पर दबाव कम हुआ है और माल की ढुलाई की गति भी बढ़ी है। रेलवे ने पहले ही इस मार्ग पर विभिन्न मालगाड़ियों का संचालन शुरू किया था। पिछले महीने 9 अगस्त को पहली सीमेंट मालगाड़ी पंजाब के रूपनगर से अनंतनाग पहुंची थी। उसके बाद आर्मी के विंटर स्टॉक, फल और अन्य जरूरी सामान घाटी तक समय पर पहुंचे हैं।

व्यापार और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

कश्मीर में ऑटोमोबाइल रेक की शुरुआत से स्थानीय व्यापार और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इससे घाटी के व्यवसायों को तेज़ी मिलेगी और सप्लाई चेन मजबूत होगी। वाहन और अन्य जरूरी माल की समय पर उपलब्धता से व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।

भविष्य में जब इस रूट पर और ट्रेनें चलेंगी, तो घाटी में रोजगार के नए अवसर खुलने की संभावना बढ़ जाएगी। यह सेवा सड़क मार्ग की तुलना में अधिक तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प साबित होगी।

इस पहली ऑटो ट्रेन में कुल 116 कारें लोड की गईं, जिनमें लोकप्रिय मारुति मॉडल शामिल थे। ट्रेन में कारों को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से लोड करने की विशेष व्यवस्था की गई थी। साथ ही ट्रेन में माल की निगरानी और सुरक्षा के आधुनिक उपायों को अपनाया गया है। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि वाहन लंबी दूरी तय करने के बावजूद बिना किसी नुकसान के घाटी तक पहुंचे।

स्थानीय लोगों और उद्योगों पर असर

ऑटो ट्रेन की शुरुआत से स्थानीय लोगों और व्यापारिक संस्थाओं को लाभ होगा। अब वाहन निर्माण कंपनियों और डीलरों के लिए घाटी तक माल पहुंचाना आसान हो जाएगा। इससे वाहन सप्लाई में समय की बचत होगी और लागत में कमी आएगी। साथ ही, इस सुविधा से कश्मीर के वाहन बाजार में तेजी और उपलब्धता बढ़ेगी।

लॉजिस्टिक्स में नया युग

रेल नेटवर्क के जरिए ऑटोमोबाइल रेक घाटी तक पहुंचने से कश्मीर में लॉजिस्टिक्स के नए अवसर पैदा होंगे। अब भारी माल और वाहन समय पर और सुरक्षित रूप से घाटी में उपलब्ध होंगे। इससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा मिलेगा। भविष्य में इस सेवा का विस्तार अन्य उद्योगों और माल की श्रेणियों तक भी किया जा सकता है।

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