उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी ने अपने तीन पूर्व विधायकों—राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और मनोज पांडेय—को दोबारा चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दी है। सपा प्रवक्ता दीपक रंजन ने तीखे शब्दों में इन नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2022 में ये नेता सपा के सिंबल पर चुनाव जीतकर आए थे और अब अगर उन्हें लगता है कि वह अपनी व्यक्तिगत ताकत के दम पर चुनाव जीत सकते हैं, तो उन्हें तत्काल विधायकी से इस्तीफा देकर जनता के बीच दोबारा जाना चाहिए।
सपा ने घोसी उपचुनाव की दिलाई याद
दीपक रंजन ने घोसी उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि जब दारा सिंह चौहान सपा छोड़कर बीजेपी में गए थे, तो जनता ने उन्हें करारी शिकस्त दी और सुधाकर सिंह को जिताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अब भी उस हार की याद सता रही है और यही वजह है कि पार्टी तीनों पूर्व विधायकों को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। सपा प्रवक्ता ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी और ये तीनों नेता जनता के जनादेश का सामना करने से डर रहे हैं।
जनता को धोखा दिया
सपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि तीनों विधायकों ने न केवल पार्टी को बल्कि उन लाखों मतदाताओं को भी धोखा दिया है, जिन्होंने भरोसा करके उन्हें चुना था। उन्होंने कहा कि अगर इन नेताओं में थोड़ी भी नैतिकता शेष है, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर दोबारा जनादेश लेना चाहिए। रंजन ने यह भी कहा कि चुनावी मैदान में उतरने के बाद ही साफ होगा कि जनता किसके साथ है।
फिलहाल, तीनों नेताओं की ओर से इस चुनौती पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सपा के इस हमले के बाद सियासी तापमान जरूर चढ़ गया है और आने वाले दिनों में उपचुनाव की चर्चा और तेज होने की संभावना है।