सुलतानपुर में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग ने विशेष कदम उठाए हैं। वर्तमान में जिले में डेंगू के 116 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें दूबेपुर क्षेत्र से सर्वाधिक 29 मरीज हैं। इसके अलावा, कुड़वार से 11, नगर क्षेत्र से 9, अखंडनगर से 8, धनपतगंज, कूरेभार और भदैंया से 6-6, कादीपुर, जयसिंहपुर और लंभुआ से 5-5, दोस्तपुर से 4, बल्दीराय और पीपी कमैचा से 3-3, करौंदीकला से 2 और मोतिगरपुर से 1 मामला सामने आया है। इसके अतिरिक्त, मलेरिया के 5, चिकनगुनिया के 2 और जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के 1-1 मामले भी रिपोर्ट किए गए हैं डेंगू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, शरीर में दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, रक्तस्राव, कमजोरी, भूख न लगना और थकान शामिल हैं। ऐसे लक्षणों वाले मरीजों की जांच के लिए रक्त नमूने लिए जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में डेंगू पीड़ितों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं, हालांकि अभी तक किसी मरीज को भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है
स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरजनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। जिला मलेरिया अधिकारी बंशीलाल के अनुसार, जहां डेंगू या मलेरिया के मामले मिल रहे हैं, उनके इर्द-गिर्द के 50 घरों के आसपास फॉगिंग (धुंआ मारना) कराई जा रही है। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया जा रहा है और मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपने घरों में पानी न ठहरने दें, कूलर, गमले, टायर आदि में पानी जमा न होने दें और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है और कहा है कि किसी भी प्रकार के बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और जांच करवाएं। साथ ही, मच्छरजनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।









