कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही है। गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन हो रहा है। भक्त गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को याद कर सेवा और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दे रहे हैं। लोग सोशल मीडिया और संदेशों के जरिए शुभकामनाएं भी साझा कर रहे हैं।
Guru Nanak Jayanti: कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को देशभर में गुरु नानक जयंती श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही है। गुरुद्वारों में सुबह से अरदास, गुरुवाणी और लंगर का आयोजन हो रहा है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यह पर्व सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने सत्य, समानता और निस्वार्थ सेवा का मार्ग दिखाया था, इसलिए आज लोग उनके उपदेशों को याद कर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दे रहे हैं। उनका संदेश आज भी समाज को मानवता और समरसता की राह दिखाता है.
गुरु नानक जयंती का महत्व
गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी और उन्होंने अपने जीवन से दुनिया को यह सीख दी कि ईश्वर एक है और वह सभी में समान रूप से विद्यमान है। उनके विचारों में भाईचारा, कर्म, विनम्रता और दूसरों की सेवा का भाव प्रमुख रहा। उन्होंने सदैव यह संदेश दिया कि मेहनत से कमाना, ईमानदारी से जीना और जरूरतमंदों की सहायता करना ही सच्चा धर्म है।
गुरुद्वारों में आज प्रकाश पर्व पर विशेष दीवान सजाए गए हैं, नगाड़ों और कीर्तन के साथ शोभा यात्राएं निकाली जा रही हैं और विशाल लंगर का आयोजन किया जा रहा है। भक्त सुबह-सुबह गुरुद्वारों में मत्था टेकने पहुंचे और परिवार संग प्रार्थना की।

गुरु नानक देव जी के प्रमुख संदेश और उनका भावार्थ
गुरु नानक देव जी के उपदेश सार्वभौमिक हैं। वे न किसी धर्म की सीमा में बंधे हैं और न किसी जाति से सीमित। उनके पांच प्रमुख जीवन संदेश आज भी मानवता की राह दिखाते हैं।
- ईश्वर एक है और उसका स्मरण सबके लिए समान: गुरु जी ने बताया कि ईश्वर का नाम सत्य है और उसकी पूजा सच्चे मन से होनी चाहिए। जब हम सभी मनुष्यों को एक समान मानते हैं तब समाज में भेदभाव की कोई जगह नहीं रहती।
- मेहनत से कमाई करें और ईमानदारी से जीवन जिएं: उन्होंने कहा कि हाथों से काम करना और अपनी मेहनत का फल अर्जित करना ही सच्चा कमाई का मार्ग है। छल और लालच से मिला धन जीवन में अशांति लाता है।
- अपनी कमाई का हिस्सा जरूरतमंदों में बांटें: गुरु नानक देव जी ने हमेशा करुणा और दान का संदेश दिया। उनका कहना था कि दूसरों की मदद करने से मन पवित्र होता है और समाज में प्रेम की भावना बढ़ती है।
- अहंकार त्यागें और विनम्रता अपनाएं: गुरु जी मानते थे कि घमंड मनुष्य को पतन की ओर ले जाता है। विनम्रता और सादगी व्यक्ति को परमात्मा के करीब लाती है।
- महिलाओं का सम्मान करें: उन्होंने स्पष्ट कहा कि वही स्त्री है जो दुनिया को जन्म देती है, इसलिए किसी भी रूप में स्त्री का अपमान नहीं होना चाहिए। समानता और आदर उनके संदेश का मूल रहा।
गुरु नानक जयंती पर शुभकामनाएं
- इस पवित्र दिन गुरु नानक देव जी की कृपा आप पर बनी रहे। जीवन में शांति, ज्ञान और समृद्धि प्राप्त हो। प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं।
- गुरु नानक देव जी के आदर्श आपके जीवन को रोशन करें। सच्चाई और सेवा के पथ पर आगे बढ़ते रहें। शुभ प्रकाश पर्व।
- ईश्वर करे आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो और जीवन में खुशियां बढ़ती रहें। गुरु नानक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
- गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं आपके जीवन में प्रकाश लाएं और हर कदम पर आपको सही दिशा मिले। वाहेगुरु जी दी मेहर।
- आज के दिन सेवा, प्रेम और सद्भाव का संकल्प लेकर चलें। गुरु पर्व की ढेरों शुभकामनाएं।
गुरुद्वारों में कार्यक्रम और श्रद्धालुओं की आस्था
देशभर के गुरुद्वारों में इस अवसर पर विशेष आयोजन हो रहे हैं। सुबह प्रभात फेरियों के साथ जश्न शुरू हुआ और गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ के बाद सत्संग और कीर्तन होते रहे। श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ सेवा भाव में शामिल दिखे। चाहे भोजन परोसना हो, सफाई करना हो या आगंतुकों की मदद करने का काम, सेवा का यह भाव गुरु नानक देव की शिक्षाओं को ही जीवंत करता है।
समाज को दिशा देने वाली शिक्षाएं
गुरु नानक देव जी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने सैकड़ों साल पहले थे। जब दुनिया भेदभाव, हिंसा और स्वार्थ से जूझ रही है, ऐसे समय में उनके संदेश शांति, करुणा और समानता की राह दिखाते हैं।
उन्होंने कहा कि धर्म मनुष्य को जोड़ता है, तोड़ता नहीं। पूजा केवल रस्म नहीं, बल्कि जीवन का आचरण होना चाहिए। जरूरतमंदों के लिए हाथ उठाना ही असली ईश्वर भक्ति है।












