स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा की। यह 2035 तक भारत के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को आधुनिक तकनीकी सुरक्षा कवच से लैस करेगा, जिसमें डिफेंस और अटैक दोनों क्षमताएं होंगी।
Mission Sudarshan Chakra: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा से जुड़ा एक बड़ा और ऐतिहासिक ऐलान किया। अपने भाषण में उन्होंने “मिशन सुदर्शन चक्र” लॉन्च करने की घोषणा की। पीएम मोदी ने इसे भारत का “राष्ट्रीय सुरक्षा कवच” बताते हुए कहा कि यह मिशन 2035 तक देश के हर अहम स्थान चाहे सामरिक हो या सिविलियन को एक आधुनिक तकनीकी सुरक्षा प्रणाली से लैस करेगा।
मिशन का उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में जितनी भी समृद्धि हो, अगर सुरक्षा मजबूत न हो तो उसका महत्व अधूरा है। इस मिशन का उद्देश्य अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, आस्था के केंद्रों और सामरिक ठिकानों को एक ऐसी सुरक्षा प्रणाली देना है जो हर तरह के खतरे का सामना कर सके। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में इस कवच को लगातार विस्तृत किया जाएगा, ताकि हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे।
डिफेंस और अटैक दोनों क्षमताओं से लैस
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि मिशन सुदर्शन चक्र सिर्फ रक्षा (Defence) तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें आक्रामक क्षमता (Attack Capability) भी होगी। उन्होंने श्रीकृष्ण के पौराणिक सुदर्शन चक्र का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे महाभारत में यह चक्र न केवल रक्षा करता था बल्कि रणनीतिक रूप से हमला भी करता था, वैसे ही यह आधुनिक मिशन भी कार्य करेगा।
मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च भारत में
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि इस मिशन की पूरी मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च देश में ही की जाएगी। इसका विकास भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम करेगी। इसके जरिए भारत स्वदेशी रक्षा तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाएगा।
तकनीकी विशेषताएं और रणनीति
मिशन सुदर्शन चक्र में ऐसी क्षमता होगी जो दुश्मन के हमले को तुरंत न्यूट्रलाइज कर सके और साथ ही कई गुना तेज पलटवार भी कर सके। इसकी विशेषता यह होगी कि यह टारगेट को सटीकता से भेदेगा और फिर सिस्टम में वापस लौटकर दोबारा इस्तेमाल के लिए तैयार रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इसे वॉरफेयर की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा और “प्लस वन” नीति पर आगे बढ़ाया जाएगा, यानी हर वर्ष इसकी क्षमताओं में एक अतिरिक्त सुधार जोड़ा जाएगा।
ऐतिहासिक संदर्भ और प्रेरणा
श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र का संदर्भ देते हुए पीएम मोदी ने बताया कि महाभारत युद्ध में यह चक्र सूर्य के प्रकाश को रोकने, युद्ध की दिशा बदलने और अर्जुन के संकल्प को पूरा करने में सहायक हुआ था। उसी तरह, आधुनिक ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ का उद्देश्य भी रणनीतिक बढ़त हासिल करना है, ताकि देश हर परिस्थिति में सुरक्षित रहे।
सुरक्षा और विकास का संतुलन
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति तभी सार्थक होगी जब उसके नागरिक सुरक्षित होंगे। मिशन सुदर्शन चक्र न केवल रक्षा के स्तर को ऊंचा उठाएगा बल्कि आम नागरिकों के जीवन में भी सुरक्षा की भावना को मजबूत करेगा।
2035 तक लक्ष्य
इस मिशन का लक्ष्य 2035 तक पूरे देश में इसका कवच तैयार करना है। इसमें चरणबद्ध तरीके से सामरिक ठिकानों, महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठानों और भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों को जोड़ा जाएगा। अपने भाषण में पीएम मोदी ने देशवासियों से इस मिशन के लिए समर्थन और आशीर्वाद मांगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार का नहीं बल्कि पूरे देश का मिशन है और इसे सफल बनाने में हर नागरिक की भूमिका होगी।