अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शी जिनपिंग ने चीन आने का न्योता दिया है। संभावित यात्रा से अमेरिका-चीन संबंधों में नरमी और वैश्विक राजनीति में बड़ा बदलाव संभव है।
US-China Relations: अमेरिकी राष्ट्रपति (Trump) ने संकेत दिया है कि वे जल्द ही चीन का दौरा कर सकते हैं। यह बयान उन्होंने व्हाइट हाउस में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के साथ बातचीत के दौरान दिया। ट्रंप ने कहा कि उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से बीजिंग आने का निमंत्रण मिला है, और वे इस निमंत्रण को स्वीकार करने पर विचार कर रहे हैं।
ट्रंप जल्द कर सकते हैं चीन का दौरा
ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा, "राष्ट्रपति शी ने मुझे चीन आने का निमंत्रण दिया है और हम शायद बहुत जल्द ऐसा करेंगे। यह थोड़ा दूर है, लेकिन बहुत दूर नहीं।" हालांकि अभी तक इस यात्रा की कोई अंतिम योजना घोषित नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह दौरा वर्ष के अंत तक हो सकता है। ट्रंप के इस बयान को कूटनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वर्ष के अंत में हो सकता है ट्रंप का एशिया दौरा
सूत्रों की मानें तो ट्रंप की संभावित चीन यात्रा एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है, जो 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दक्षिण कोरिया में आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा 3 सितंबर को द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर बीजिंग में आयोजित समारोह में भी ट्रंप की भागीदारी पर विचार किया जा रहा है। इस समारोह में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भी शामिल होने की संभावना है।
संभावित तीन-देशीय बैठक की अटकलें
सूत्रों के अनुसार बीजिंग सरकार इस अवसर पर ट्रंप, शी और पुतिन की त्रिपक्षीय बैठक की मेज़बानी पर गंभीरता से विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है तो यह वैश्विक राजनीति के समीकरणों को बदलने वाला एक बड़ा घटनाक्रम होगा। वर्तमान समय में अमेरिका, रूस और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। ऐसे में इन तीन नेताओं की एक मंच पर मौजूदगी विश्व मंच पर एक मजबूत संदेश दे सकती है।
व्हाइट हाउस और बीजिंग की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी
हालांकि ट्रंप ने स्वयं यह बात कही है कि उन्हें निमंत्रण मिला है, लेकिन अभी तक व्हाइट हाउस या चीनी अधिकारियों ने इस यात्रा की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। वहीं क्रेमलिन की ओर से संकेत दिया गया है कि अगर दोनों नेता एक ही समय पर बीजिंग में मौजूद होते हैं, तो पुतिन-ट्रंप मुलाकात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप का कड़ा रुख
राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर पहले भी असंतोष जताया है। उन्होंने हाल ही में चेतावनी दी थी कि अगर सितंबर की शुरुआत तक शांति समझौता नहीं होता है, तो अमेरिका रूस और उसके व्यापारिक साझेदारों पर कड़े प्रतिबंध लगा सकता है। ट्रंप और पुतिन के बीच राष्ट्रपति कार्यकाल शुरू होने के बाद से अब तक कई बार फोन पर बातचीत हो चुकी है। ऐसे में अगर दोनों बीजिंग में आमने-सामने होते हैं तो रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की संभावना है।