सचिन पायलट ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे अचानक और असामान्य बताया। साथ ही भाजपा सरकार पर संस्थाओं के दुरुपयोग और कानून-व्यवस्था पर विफलता के आरोप लगाए।
Sachin Pilot on Vice President: देश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने सबको चौंका दिया। इसी घटनाक्रम पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव सचिन पायलट ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस इस्तीफे को सामान्य प्रक्रिया मानने से इनकार करते हुए कहा कि पर्दे के पीछे जरूर कुछ ऐसा हुआ है जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
पायलट ने जताई इस्तीफे पर शंका
राजस्थान के टोंक में पत्रकारों से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद होता है। ऐसे में बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक इस्तीफा असामान्य है। उन्होंने कहा कि इस तरह के पद से विदाई एक औपचारिक, गरिमामय और सार्वजनिक प्रक्रिया के माध्यम से होती है। लेकिन धनखड़ के इस्तीफे में जिस प्रकार की गोपनीयता रही, उससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ बड़ा हुआ है जो अभी सामने नहीं आया है।
भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना
सचिन पायलट ने इस मौके पर भाजपा और केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बीते वर्षों में लगातार संवैधानिक संस्थाओं और पदों का दुरुपयोग किया है। पायलट ने कहा कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता जरूरी है क्योंकि जब देश के शीर्ष संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अचानक अपने पद छोड़ते हैं, तो जनता के बीच सवाल उठना स्वाभाविक है।
नरेश मीणा की पदयात्रा पर भी बोले पायलट
सचिन पायलट ने निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा निकाली जा रही 'भ्रष्टाचार विरोधी' पदयात्रा का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपने विचार रखने और अपने अधिकारों की वकालत करने का अधिकार है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब युवा समाज में बदलाव की मांग करते हैं, तो उन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
मीणा, जो देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ चुके हैं, कुछ समय पहले एक एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। उन्हें हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट से ज़मानत मिली है। इस संदर्भ में पायलट ने कहा कि यह जरूरी है कि युवाओं की आवाज़ सुनी जाए और लोकतांत्रिक तरीके से उन्हें अपने विचार रखने का मंच मिले।
"युवाओं की बात सुननी होगी"
पायलट ने आगे कहा कि यह अच्छी बात है कि युवा अब खुलकर बोल रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या जयपुर और दिल्ली में बैठे नेता उनकी बातों को गंभीरता से सुनते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग युवाओं के नाम पर राजनीति करते हैं, उन्हें उनके अधिकार भी देने चाहिए और उनके भविष्य के लिए ठोस काम भी करने चाहिए।
प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर कटाक्ष
सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास शायद देश की आंतरिक समस्याओं पर ध्यान देने का समय नहीं है क्योंकि वे लगातार विदेश दौरों में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या युवाओं की समस्याएं, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे अब प्राथमिकता से बाहर हो गए हैं।
राजस्थान की कानून व्यवस्था पर चिंता
राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार शासन-प्रशासन पर नियंत्रण खो चुकी है। पायलट ने कहा कि विकास, रोजगार और सुरक्षा से जुड़े सारे वादे खोखले साबित हो रहे हैं। जनता को न तो राहत मिल रही है और न ही कोई ठोस योजना जमीन पर दिखाई दे रही है।