कतर में हुई वार्ता में पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने युद्धविराम पर सहमति जताई। तुर्की की मध्यस्थता में यह निर्णय लिया गया। दोनों देशों ने स्थायी शांति के लिए आगे और बैठकें करने पर भी सहमति दी।
Ceasefire: पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों देशों ने युद्धविराम (ceasefire) पर सहमति जताई है। यह फैसला कतर की राजधानी दोहा में आयोजित वार्ता के दौरान हुआ। दोनों पक्षों ने तत्काल युद्धविराम लागू करने पर सहमति जताई। वार्ता की मध्यस्थता तुर्की ने की थी।
स्थायी युद्धविराम के लिए बैठकें
कतर सरकार ने कहा कि दोनों देशों ने आने वाले दिनों में और बैठकें करने पर सहमति दी है। इसका उद्देश्य युद्धविराम को स्थायी बनाना और इसे सही तरीके से लागू करना है। यह शांति वार्ता हाल की लड़ाई के बाद हुई है, जिसमें दोनों देशों के कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद यह दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर टकराव माना जा रहा है।
वार्ता में प्रतिनिधियों की भागीदारी
अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब ने किया। वहीं पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और तालिबान प्रतिनिधि वार्ता में शामिल रहे। दोनों पक्षों ने खुलकर चर्चा की और युद्धविराम लागू करने की प्रक्रिया पर सहमति जताई।
हवाई क्षेत्र का उल्लंघन
अफगान सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने पिछले चार वर्षों में 1,200 से अधिक बार अफगान सीमा का उल्लंघन किया। इसके अलावा, 712 से अधिक बार पाकिस्तान ने अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया। 2024 की शुरुआत से अब तक इन हमलों में 102 नागरिक और अफगान सीमा रक्षक मारे गए और 139 अन्य घायल हुए।
हवाई हमले से नागरिकों को नुकसान
पाकिस्तानी हवाई हमलों ने नूरिस्तान, नांगरहार, खोस्त और पक्तिका प्रांतों में गंभीर नुकसान किया। सूत्रों ने बताया कि कई मकान और दुकानें नष्ट हो गईं और नागरिकों को भारी नुकसान हुआ। अगस्त 2024 में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के तीन प्रांतों में हवाई हमले किए, जबकि अफगानिस्तान ने कोई सैन्य प्रतिक्रिया नहीं दी और केवल राजनयिक विरोध दर्ज कराया।
सीमा पर हाल की घटनाएं
अफगानिस्तान ने 11 अक्टूबर को डूरंड रेखा (Durand Line) पर पाकिस्तानी चौकियों के खिलाफ सीमित जवाबी सैन्य अभियान चलाया। यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित आत्मरक्षा (right to self-defense) के तहत की गई। पाकिस्तान के हवाई हमलों और सीमा उल्लंघन के कारण कई वर्षों तक अफगानिस्तान ने संयम रखा, लेकिन हाल की घटनाओं ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया।