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US Visa Rules में बदलाव! भारतीयों के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें

US Visa Rules में बदलाव! भारतीयों के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें

अमेरिका ने वीज़ा नियम सख्त कर दिए। भारतीय आवेदकों को अब अपने देश या कानूनी निवास से ही इंटरव्यू लेना होगा। इससे लंबित आवेदन बढ़ेंगे। विदेश से जल्दी अपॉइंटमेंट लेने का विकल्प बंद हो गया है।

US Visa Rules: अमेरिका और भारत के बीच हाल के समय में बढ़ती तनावपूर्ण स्थितियों के बीच अमेरिकी प्रशासन ने वीज़ा नियमों में कड़े बदलाव किए हैं। नए नियमों के अनुसार नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा (NIV) के आवेदकों को अब अपने देश या कानूनी निवास से ही इंटरव्यू के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा। इस कदम का असर उन भारतीयों पर पड़ेगा जो विदेशी देशों के माध्यम से जल्दी अपॉइंटमेंट लेने का सहारा लेते थे। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लंबित वीज़ा आवेदनों की संख्या में वृद्धि होगी।

अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किए बदलाव

अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि गैर-आप्रवासी वीज़ा (NIV) के लिए आवेदन करने वाले अब अपने देश या कानूनी निवास स्थान से ही अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। बयान में स्पष्ट किया गया है कि यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और यह नीति वैश्विक स्तर पर सभी देशों पर लागू होगी।

नए नियमों के तहत, किसी भी विदेशी देश में स्थित अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास में अपॉइंटमेंट लेने का विकल्प अब भारतीयों के लिए उपलब्ध नहीं होगा। हालांकि, कुछ अपवादात्मक परिस्थितियों में यह नियम लागू नहीं होंगे, जैसे कि जिन देशों में अमेरिकी प्रशासन नियमित रूप से NIV ऑपरेशन नहीं करता है।

किन भारतीयों पर पड़ेगा असर

ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू किए गए नए नियमों का सबसे बड़ा असर उन भारतीयों पर होगा जिन्होंने विदेश में अमेरिकी वीज़ा इंटरव्यू के लिए अपॉइंटमेंट बुक करके लंबित समय को कम करने की कोशिश की थी। उदाहरण के लिए सिंगापुर, थाईलैंड और जर्मनी में कई भारतीयों ने B1 (व्यवसायिक) और B2 (पर्यटन) वीज़ा के लिए अपॉइंटमेंट लिया था।

अब यह विकल्प बंद हो गया है, जिससे जल्द अमेरिका जाने वाले आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, जिन देशों में अमेरिकी NIV संचालन नियमित नहीं है, उनके नागरिकों को अब निर्दिष्ट दूतावास में ही अप्लाई करना होगा। इस श्रेणी में अफगानिस्तान, क्यूबा, रूस, ईरान और चाड जैसे देशों के नागरिक शामिल हैं।

लंबित वीज़ा आवेदनों में बढ़ोतरी

विशेषज्ञों का मानना है कि नए नियमों के चलते पहले से लंबित वीज़ा आवेदनों की संख्या और बढ़ सकती है। इस साल की शुरूआत में ही वीज़ा वेटिंग टाइम हैदराबाद, मुंबई और कोलकाता में 3.5 महीने से 5 महीने तक था, जबकि चेन्नई में यह अवधि 9 महीने तक पहुंच गई थी।

नए नियम लागू होने के बाद यह अवधि और लंबी हो सकती है, जिससे भारतीय छात्रों, व्यवसायियों और पर्यटकों को अमेरिका जाने में देरी का सामना करना पड़ सकता है।

ट्रंप कार्ड और अमेरिका-भारत संबंध

टैरिफ विवादों और व्यापार तनाव के बीच अमेरिकी प्रशासन ने यह नया नियम लागू किया है। इसे विशेषज्ञ ‘ट्रंप कार्ड’ के रूप में देख रहे हैं, जो भारत और अमेरिका के बीच दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है।

यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ती राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के समय में आया है। अमेरिका का उद्देश्य भारतीय आवेदकों को अपने देश या कानूनी निवास के माध्यम से नियंत्रित करना है, ताकि आवेदन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य रहे।

क्या है नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा (NIV)?

नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा उन लोगों के लिए होता है जो अमेरिका में अल्पकालिक यात्रा के लिए जाते हैं। इसमें प्रमुख श्रेणियां शामिल हैं:

  • B1 वीज़ा: व्यवसाय और कॉन्फ्रेंस के लिए
  • B2 वीज़ा: पर्यटन और मेडिकल यात्रा के लिए

छात्र वीज़ा (F1, M1) और अन्य अस्थायी वीज़ा भी NIV की श्रेणी में आते हैं

इन वीज़ा धारकों को अब अपने देश या कानूनी निवास स्थान से ही अपॉइंटमेंट बुक करना होगा।

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