भारतीय कुश्ती महासंघ ने बड़ा फैसला लेते हुए पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले रेसलर समन सेहरावत को एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। इस बैन के साथ, समन अगले एक साल तक कुश्ती से जुड़ी किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
स्पोर्ट्स न्यूज़: पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय रेसलर अमन सेहरावत अब अगले एक साल तक कुश्ती के रिंग में नहीं दिखेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने अमन को सैन्य वर्ल्ड चैंपियनशिप में वजन सीमा से बाहर होने के कारण एक साल के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद अमन 2026 में होने वाले एशियाई खेलों में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
अमन सेहरावत ने पेरिस ओलंपिक में मात्र 21 साल 24 दिन की उम्र में कांस्य पदक जीतकर भारत के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। वह उस समय सबसे कम उम्र में ओलंपिक मेडल जीतने वाले भारतीय एथलीट बने थे।
WFI ने क्यों लिया यह कड़ा कदम
अमन को पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किलोग्राम भार वर्ग में सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेना था। हालांकि, इवेंट के एक दिन पहले उनकी बॉडी वेट जांच में उन्हें निर्धारित वजन सीमा से 1.7 किलो अधिक पाया गया। इस कारण उन्हें बिना खेले ही प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। WFI ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए अमन को “कारण बताओ नोटिस” जारी किया।
इसमें उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी कुश्ती प्रतियोगिता या उससे संबंधित गतिविधियों में भाग लेने से उन्हें एक साल के लिए रोका जा रहा है।
अनुशासन समिति का निर्णय
भारतीय कुश्ती महासंघ ने 23 सितंबर 2025 को अमन से स्पष्टीकरण मांगा था। अमन द्वारा 29 सितंबर को दिया गया जवाब अंसतोषजनक पाया गया। इसके अलावा मुख्य कोच और सहायक कोचिंग स्टाफ से भी मामले में रिपोर्ट ली गई। WFI की अनुशासन समिति ने सभी रिपोर्टों और स्पष्टीकरणों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया कि अमन को 1 साल के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती से निलंबित किया जाए। महासंघ ने स्पष्ट किया कि यह फैसला अंतिम और अपरिवर्तनीय है।
अमन के बैन की अवधि 2025 से 2026 तक जारी रहेगी। इस वजह से वह 19 सितंबर से 4 अक्टूबर 2026 तक आयोजित होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। WFI ने यह भी बताया कि इस दौरान अमन किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, प्रशिक्षण शिविर या कोचिंग गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते।