Columbus

Vivah Muhurat 2025: देवउठनी एकादशी के बाद शुरू होंगे शुभ विवाह मुहूर्त, नवंबर में 13 और दिसंबर में 3 शुभ तिथियां

Vivah Muhurat 2025: देवउठनी एकादशी के बाद शुरू होंगे शुभ विवाह मुहूर्त, नवंबर में 13 और दिसंबर में 3 शुभ तिथियां

साल 2025 में चातुर्मास के 142 दिनों के विराम के बाद विवाह के मांगलिक कार्य फिर से शुरू होंगे। देवउठनी एकादशी 1 नवंबर से नवंबर में 13 और दिसंबर में 3 शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। ज्योतिष के अनुसार इन तिथियों पर शादी करने से नवविवाहित जोड़े के जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

Vivah Muhurat: देशभर में चातुर्मास के लंबे 142 दिनों के विराम के बाद विवाह के मांगलिक कार्य फिर से शुरू होंगे। देवउठनी एकादशी 1 नवंबर 2025 से शुभ मुहूर्त शुरू होंगे, जिनमें नवंबर में 13 और दिसंबर में केवल 3 तिथियां शामिल हैं। इस दौरान विवाह करने वाले नवविवाहित जोड़े को ज्योतिष के अनुसार खुशहाल और समृद्ध जीवन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही मुहूर्त पर शादी करने से न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि परिवार और समाज में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

142 दिन के विराम के बाद विवाह का शुभ समय

चातुर्मास के दौरान विवाह और अन्य मांगलिक कार्य पर रोक लगी रहती है। इस साल जुलाई से शुरू हुए चातुर्मास के कारण लगभग 142 दिनों तक शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य स्थगित रहे। भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागने के बाद देवउठनी एकादशी, 1 नवंबर 2025 को पड़ रही है, और इसी दिन से विवाह के शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी।

ज्योतिष के अनुसार देवउठनी एकादशी के बाद ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति नवविवाहित जोड़े के लिए अनुकूल होती है। ऐसे समय में शादी करने से न केवल व्यक्तिगत जीवन में सौभाग्य बढ़ता है, बल्कि परिवार और समाज के लिए भी सकारात्मक प्रभाव होता है।

नवंबर 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त

साल 2025 का नवंबर महीना विवाह के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है। देवउठनी एकादशी के तुरंत बाद ही इस महीने में कुल 13 शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे। इन तिथियों पर विवाह करने से नवदंपति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है।

  • 2 नवंबर 2025
  • 3 नवंबर 2025
  • 5 नवंबर 2025
  • 8 नवंबर 2025
  • 12 नवंबर 2025
  • 13 नवंबर 2025
  • 16 नवंबर 2025
  • 17 नवंबर 2025
  • 18 नवंबर 2025
  • 21 नवंबर 2025
  • 22 नवंबर 2025
  • 23 नवंबर 2025
  • 25 नवंबर 2025
  • 30 नवंबर 2025

इस महीने की तिथियां खासतौर पर नवविवाहित जोड़ों के लिए शुभ मानी जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार, इन दिनों विवाह करने से वैवाहिक जीवन में समझदारी, सहयोग और परिवारिक सुख बढ़ता है।

दिसंबर 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त

नवंबर की तुलना में दिसंबर में विवाह के लिए बहुत कम शुभ तिथियां उपलब्ध हैं। पंचांग के अनुसार, दिसंबर में केवल तीन दिन ऐसे हैं, जब विवाह करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • 4 दिसंबर 2025
  • 5 दिसंबर 2025
  • 6 दिसंबर 2025
  • इस सीमित संख्या के कारण दिसंबर में विवाह के लिए योजना बनाना थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में इच्छुक दंपति और उनके परिवार को तिथियों के चयन में जल्दी निर्णय लेना फायदेमंद रहेगा।

शादी के लिए शुभ मुहूर्त क्यों महत्वपूर्ण है?

शादी एक नए जीवन की शुरुआत होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर समय में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति अलग होती है, और यह मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। शुभ मुहूर्त वह समय होता है जब ग्रह और नक्षत्रों की ऊर्जा वर और वधू के लिए अनुकूल होती है।

शुभ मुहूर्त में विवाह करने से नवदंपति को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस समय की गई शादी में जीवन में सकारात्मकता, सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है। परिवार के सभी सदस्यों और समाज के लिए भी इस समय विवाह करने का महत्व बढ़ जाता है।

देवउठनी एकादशी और मांगलिक महत्व

देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु के जागरण का दिन माना जाता है। इस दिन से मांगलिक कार्य फिर से शुरू किए जाते हैं। यह दिन विवाह और अन्य धार्मिक गतिविधियों के लिए अत्यंत शुभ होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के बाद विवाह करने से नवविवाहित जोड़े का जीवन स्थिर, सुखमय और समृद्ध होता है।

142 दिन की प्रतीक्षा के बाद अब देशभर में शहनाई की गूंज फिर से सुनाई देने वाली है। नवंबर और दिसंबर 2025 के शुभ मुहूर्त उन जोड़ों के लिए विशेष अवसर होंगे, जो अपने जीवन की नई शुरुआत को महत्व देते हैं।

परिवार और समाज में विवाह का महत्व

भारत में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि परिवार और समाज का उत्सव माना जाता है। विवाह के अवसर पर शुभ मुहूर्त का चयन करना महत्वपूर्ण होता है, ताकि शादी का प्रभाव लंबे समय तक सकारात्मक बना रहे। यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है।

शुभ मुहूर्त का पालन करने से नवविवाहित जोड़े के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा, यह सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को भी मजबूत बनाता है।

Leave a comment