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Vodafone Idea को नहीं मिली राहत? 12% गिरा शेयर, जानिए क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

Vodafone Idea को नहीं मिली राहत? 12% गिरा शेयर, जानिए क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

Vodafone Idea के शेयर गुरुवार को 12% तक गिर गए, जब सुप्रीम कोर्ट के लिखित आदेश ने कंपनी को AGR बकाया पर सीमित राहत दी। अदालत ने स्पष्ट किया कि पुनर्विचार सिर्फ ₹9,450 करोड़ की अतिरिक्त मांग तक सीमित रहेगा, जबकि ब्याज और जुर्माने में कोई छूट नहीं दी गई, जिससे निवेशकों में निराशा फैल गई।

Vodafone Idea: गुरुवार को Vodafone Idea के शेयरों में 12% तक की भारी गिरावट दर्ज की गई, जब सुप्रीम कोर्ट के लिखित आदेश ने AGR बकाया मामले में राहत की उम्मीदों को कमजोर कर दिया। अदालत ने कहा कि कंपनी केवल ₹9,450 करोड़ की अतिरिक्त AGR मांग पर पुनर्विचार कर सकती है, न कि पूरे ₹1.6 लाख करोड़ के बकाया पर। साथ ही, ब्याज और जुर्माने में छूट का कोई उल्लेख न होने से निवेशकों का भरोसा हिल गया और बाजार में बेचाव बढ़ गया।

सप्ताह की शुरुआत में वोडाफोन आइडिया के शेयरों में जोरदार तेजी देखी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को सरकार को कंपनी के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू यानी एजीआर बकाया पर पुनर्विचार करने की अनुमति दी थी। उस समय निवेशकों को लगा कि कंपनी को लंबे समय से चले आ रहे वित्तीय संकट से राहत मिल सकती है। लेकिन गुरुवार को जारी लिखित आदेश ने तस्वीर बदल दी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की असली बात

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि पुनर्विचार की अनुमति केवल वोडाफोन आइडिया के सीमित मामले पर लागू होगी। इसका दायरा सिर्फ 9,450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त एजीआर मांग तक सीमित रहेगा। इसका मतलब यह है कि कंपनी के ऊपर बाकी 1.6 लाख करोड़ रुपये के बकाया पर कोई राहत नहीं मिलेगी। यही कारण रहा कि बाजार में उत्साह की जगह निराशा ने ले ली।

ब्याज और जुर्माने पर कोई छूट नहीं

निवेशकों की सबसे बड़ी उम्मीद यह थी कि अदालत ब्याज, जुर्माने और जुर्माने पर ब्याज को माफ करने पर विचार करेगी। अगर ऐसा होता तो वोडाफोन आइडिया पर वित्तीय दबाव काफी हद तक कम हो सकता था। लेकिन लिखित आदेश में इन पहलुओं का कोई जिक्र नहीं किया गया। इसका मतलब यह है कि कंपनी को अब भी इन अतिरिक्त रकमों का भुगतान करना होगा। आदेश के बाद निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ और शेयरों में तेज बिकवाली देखने को मिली।

निवेशकों का भरोसा डगमगाया

कोर्ट के शुरुआती आदेश के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों ने हफ्ते की शुरुआत में 52 सप्ताह के उच्च स्तर 10.52 रुपये को छू लिया था। निवेशकों को उम्मीद थी कि कंपनी को एजीआर विवाद में राहत मिलेगी और उसकी वित्तीय स्थिति सुधरेगी। लेकिन जैसे ही आदेश के दायरे की सीमाएं सामने आईं, निवेशकों ने तेजी से मुनाफावसूली शुरू कर दी। दो दिन के अंदर शेयर ने अपनी सारी बढ़त खो दी और 12 प्रतिशत तक गिर गया।

कंपनी और सरकार की अगली चुनौती

दूरसंचार विभाग यानी डीओटी ने वोडाफोन आइडिया पर 9,450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त एजीआर मांग लगाई थी। कंपनी का कहना है कि इस राशि में से करीब 5,600 करोड़ रुपये पुराने समय से जुड़े हैं और उनका भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। अब कोर्ट ने भी यह साफ कर दिया है कि पुनर्विचार सिर्फ इसी विवादित हिस्से तक सीमित रहेगा।

वोडाफोन आइडिया में सरकार की करीब 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस आदेश के बाद क्या रुख अपनाती है। फिलहाल बाजार का रुख कंपनी के पक्ष में नहीं दिख रहा है और निवेशकों को निकट भविष्य में कोई बड़ी राहत मिलती नहीं दिख रही।

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