Windows 11 में नया ऑटोमैटिक लॉगिंग फीचर लॉन्च हुआ, जिससे स्लो सिस्टम की समस्या की असली वजह जल्दी पहचानी जा सकेगी।
Microsoft: Windows 11 यूजर्स लंबे समय से अपने कंप्यूटर की स्लो परफॉर्मेंस से परेशान रहे हैं। बार-बार सिस्टम का हैंग होना, गेमिंग के दौरान लैग्स आना और मल्टीटास्किंग में रुकावट आना – ये सभी समस्याएं यूजर्स के अनुभव को प्रभावित कर रही थीं। अब माइक्रोसॉफ्ट ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है। कंपनी ने Windows 11 के लिए एक नया Automatic Logging System पेश किया है, जो यूजर की समस्या को रीयल टाइम में पकड़कर उसका समाधान निकालने में मदद करेगा।
क्या है यह नया फीचर?
माइक्रोसॉफ्ट ने इस फीचर को 'Automatic Performance Logging' नाम दिया है। इसका मकसद यह है कि जब भी कोई यूजर Feedback Hub के ज़रिए अपने सिस्टम की परफॉर्मेंस को लेकर कोई शिकायत दर्ज करता है — जैसे लैपटॉप स्लो चलना, फ्रीज होना, या एप्लिकेशन लेट ओपन होना — तो विंडोज खुद-ब-खुद उस वक्त का सिस्टम डेटा लॉग कर लेगा। यह लॉगिंग सिस्टम बिना यूजर को परेशान किए बैकग्राउंड में काम करेगा और माइक्रोसॉफ्ट के डेवलपर्स को यह डेटा भेजेगा ताकि वे असली तकनीकी समस्या को जल्दी और सटीक पहचान सकें।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
- यूजर को Feedback Hub में जाना होगा और शिकायत दर्ज करनी होगी।
- जैसे ही यूजर स्लो सिस्टम की रिपोर्ट करेगा, Windows 11 अपने आप रीयल टाइम परफॉर्मेंस डेटा कैप्चर करेगा।
- यह डेटा फिर माइक्रोसॉफ्ट तक पहुंचाया जाएगा, जहां डेवलपर्स उसका एनालिसिस कर सकेंगे।
- इसमें RAM, CPU उपयोग, बैकग्राउंड प्रोसेसेज़, स्टोरेज लैग जैसी जानकारियाँ शामिल होंगी।
इस प्रक्रिया के चलते न केवल यूजर को जल्द समाधान मिलेगा, बल्कि सिस्टम अपग्रेड और अपडेट्स भी पहले से ज्यादा प्रभावी हो सकेंगे।
किसके लिए है यह सुविधा?
फिलहाल यह सुविधा Windows Insider Preview यूजर्स के लिए उपलब्ध कराई गई है, जो माइक्रोसॉफ्ट के बीटा टेस्टर प्रोग्राम का हिस्सा हैं। आने वाले महीनों में इसे आम Windows 11 यूजर्स के लिए भी रोलआउट किया जा सकता है।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
Windows 11 को अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया गया था और तब से ही इसकी परफॉर्मेंस को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आई हैं, जैसे:
- Windows 10 की तुलना में धीमी परफॉर्मेंस
- गेमिंग के दौरान FPS ड्रॉप्स
- अलग-अलग हार्डवेयर पर इन्स्टेबल रेस्पॉन्स
- नये CPUs पर पुराने OS की तुलना में खराब प्रदर्शन
माइक्रोसॉफ्ट ने अब तक UI, टास्कबार और नोटिफिकेशन एरिया को बेहतर बनाने पर तो काम किया, लेकिन सिस्टम के "अंदर" क्या हो रहा है — अब वह उस पर डायरेक्ट ध्यान दे रहा है।
आने वाला 25H2 अपडेट क्या लेकर आएगा?
माइक्रोसॉफ्ट 2025 में Windows 11 25H2 अपडेट लाने जा रहा है, जिसमें कई बड़े तकनीकी बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें विशेष रूप से फोकस होगा:
- Static Code Analysis: ड्राइवर डेवलपर्स को अब ऐसा टूल मिलेगा जिससे वे पहले ही कोड की कमजोरियों की पहचान कर सकें।
- Core OS Interface Optimization: Windows के मूल इंटरफेस को और फुर्तीला व उत्तरदायी बनाया जाएगा।
- Real-Time Diagnosis: परफॉर्मेंस की समस्याओं को तुरंत पकड़ने और सही करने की क्षमता बढ़ेगी।
- AI-सक्षम सुझाव: सिस्टम यूजर को सुझाव देगा कि कौन सी ऐप या सेटिंग सिस्टम को स्लो कर रही है।
यूजर की प्राइवेसी रहेगी सुरक्षित
Microsoft ने यह भी स्पष्ट किया है कि लॉगिंग सिस्टम से जो डेटा लिया जाएगा, वह पूरी तरह एन्क्रिप्टेड और प्राइवेसी-केंद्रित होगा। किसी भी व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग बिना यूजर की अनुमति के नहीं किया जाएगा।
ग्लोबल प्रतिस्पर्धा में Microsoft का नया दांव
Apple और Google जैसे दिग्गज पहले ही अपने ऑपरेटिंग सिस्टम में AI और रीयल टाइम सिस्टम एनालिसिस जैसी तकनीकों को इंटीग्रेट कर चुके हैं। माइक्रोसॉफ्ट इस नई सुविधा के जरिए अपने OS को न सिर्फ आधुनिक बना रहा है, बल्कि यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर करने की दिशा में ठोस कदम भी उठा रहा है।