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World Lymphoma Awareness Day: जानें लिम्फोमा कैंसर के शुरुआती लक्षण और सावधानियां

World Lymphoma Awareness Day: जानें लिम्फोमा कैंसर के शुरुआती लक्षण और सावधानियां

विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस पर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया कि लिम्फोमा कैंसर के शुरुआती लक्षण गले में गांठ, बगल या कमर में सूजी हुई लिम्फ नोड्स, लगातार थकान, बिना वजह वजन घटना, रात में पसीना और बुखार हो सकते हैं। ऐसे संकेत दिखते ही तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।

World Lymphoma Awareness Day: हर साल 15 सितंबर को विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस मनाया जाता है। लिम्फोमा कैंसर, जो लिम्फेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है, के शुरुआती लक्षण गले की गांठ, बगल या कमर में दर्द रहित सूजी हुई लिम्फ नोड्स, लगातार थकान, रात में पसीना, बिना कारण वजन घटना और बुखार जैसी स्थितियों के रूप में दिखाई दे सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऐसे लक्षण नजर आएं, तो तुरंत जांच करवा कर समय रहते इलाज शुरू करना आवश्यक है।

गले और शरीर में गांठें

लिम्फोमा कैंसर के शुरुआती लक्षण सबसे पहले गले में दिखाई दे सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, गले की गांठ इस कैंसर का सबसे आम संकेत है। इसके अलावा, अगर बगल, गर्दन या कमर के आसपास दर्द रहित सूजी हुई लिम्फ नोड्स यानी गांठ महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह लिम्फोमा का शुरुआती संकेत हो सकता है।

लिम्फ नोड्स का सूजना आमतौर पर दर्द रहित होता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। अक्सर लोग इसे सामान्य थकान या संक्रमण से जोड़कर नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए शरीर में किसी भी तरह की असामान्य गांठ दिखाई दे तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।

मामूली लक्षणों को नजरअंदाज न करें

लिम्फोमा कैंसर के लक्षण प्रारंभ में मामूली लग सकते हैं। लगातार थकान महसूस होना, बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना, रात में पसीना आना आदि संकेत हो सकते हैं। यह लक्षण सामान्य समस्याओं के समान दिखते हैं, लेकिन लिम्फोमा में ये लंबे समय तक बने रहते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते हैं।

अगर आप लंबे समय तक थकान महसूस कर रहे हैं और रात को पसीना आता है, साथ ही वजन अचानक कम हो रहा है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। ये संकेत शरीर में गंभीर बदलाव को दर्शाते हैं।

अन्य शारीरिक संकेत

लिम्फोमा कैंसर के कुछ अन्य लक्षणों में बुखार, लगातार खांसी, सांस लेने में कठिनाई, पेट में दर्द, त्वचा में खुजली और सूजन शामिल हो सकती है। इन लक्षणों का एक साथ दिखना अधिक गंभीरता का संकेत है।

कई बार मरीजों को थकान, वजन घटना और रात में पसीना जैसे लक्षण नजर आते हैं, लेकिन वे इसे सामान्य कमजोरी या मानसिक तनाव के कारण मान लेते हैं। यह लिम्फोमा की पहचान में देरी का कारण बन सकता है।

जांच की आवश्यकता

इन सभी संकेतों को देखकर समय रहते जांच कराना बेहद जरूरी है। डॉक्टर लिम्फोमा की पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट, बायोप्सी और इमेजिंग टेस्ट कर सकते हैं। शुरुआती दौर में इसका पता लगने पर इलाज ज्यादा प्रभावी होता है।

लिम्फोमा का इलाज प्रारंभिक चरण में शुरू होने पर बेहतर परिणाम देता है। समय पर जांच और सही इलाज से कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है और गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

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