बिहार की राजनीति में एक और नया मोड़ आया है, जब आरजेडी के विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उन पर बिल्डर से रंगदारी मांगने और धमकी देने का गंभीर आरोप है। इस मामले में उनके साथ उनके छोटे भाई पिंकू यादव और दो अन्य सहयोगियों ने भी आत्मसमर्पण किया है।
Bihar Politics: लालू यादव के करीबी विधायकों में से एक रीतलाल यादव और उनके छोटे भाई ने दानापुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इस सरेंडर के बाद उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेज दिया गया। इन दोनों पर बिल्डर से रंगदारी मांगने और धमकी देने का गंभीर आरोप था। रीतलाल यादव के साथ दो अन्य व्यक्तियों ने भी न्यायालय में आत्म समर्पण किया। सभी ने व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम 5 के न्यायालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अब इन पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और मामले की गहन जांच की जा रही है।
क्या हैं आरोप?
रीतलाल यादव और उनके सहयोगियों पर रंगदारी मांगने, धमकी देने और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप हैं। पुलिस ने 11 अप्रैल को इस मामले से संबंधित 11 स्थानों पर तलाशी ली और महत्वपूर्ण दस्तावेज, चेकबुक, पेन ड्राइव, वॉकी-टॉकी जैसे सामान बरामद किए। आरोपों के मुताबिक, उन्होंने एक बिल्डर से पैसे की मांग की थी और उसे जान से मारने की धमकी दी थी।
वकील का बयान
रीतलाल यादव के वकील का कहना है कि यह आरोप झूठे हैं। उनके अनुसार, बिल्डर ने रंगदारी का झूठा मामला दर्ज कराया था। वकील ने यह भी कहा कि जब उन्हें इस बात का पता चला कि पुलिस उन्हें तलाश रही है, तो उन्होंने खुद को कोर्ट में सरेंडर करने का निर्णय लिया। हालांकि, जमानत याचिका फिलहाल दायर नहीं की गई है, लेकिन कुछ दिनों में इसे दायर किया जा सकता है।
बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण शख्सियत
रीतलाल यादव का राजनीतिक जीवन काफी चर्चित रहा है। वे वर्तमान में दानापुर विधानसभा से आरजेडी के विधायक हैं और लालू यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। 2016 में जेल में रहते हुए वे बिहार विधान परिषद (MLC) के सदस्य बने थे। इसके अलावा, वे भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या के मामले में भी चर्चा में रहे थे।
इस घटना से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है, खासकर आरजेडी के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है। जहां एक ओर पार्टी के कई नेता अपनी छवि को लेकर चर्चा में रहते हैं, वहीं रीतलाल यादव जैसे बड़े नेता पर आरोपों का लगना पार्टी के लिए एक गंभीर मुद्दा बन सकता है।