आषाढ़ महीने में आने वाला मंगलवार का दिन ज्योतिष के लिहाज से खास महत्व रखता है। 1 जुलाई 2025 को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो सुबह 10 बजकर 21 मिनट तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि का आरंभ होगा, जो विशेष रूप से पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल मानी जाती है। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान और मंगलदेव को समर्पित होता है, ऐसे में सप्तमी तिथि का पड़ना इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, इस दिन सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा, फिर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र लगेगा। वहीं, शाम 5 बजकर 19 मिनट तक व्यतिपात योग रहेगा, जिसके बाद इस योग का प्रभाव समाप्त होगा। व्यतिपात योग को थोड़ा अशुभ माना जाता है, लेकिन इसके समाप्त होने के बाद शुभ कार्यों की गति बढ़ जाएगी।
अभिजीत मुहूर्त में कर सकते हैं जरूरी कार्य
अगर आप किसी नए काम की शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो 1 जुलाई को अभिजीत मुहूर्त का लाभ उठा सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त प्राचीन शास्त्रों में सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह हर दिन मध्यकाल में आता है और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम करता है। 1 जुलाई को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
राहुकाल में न करें ये काम
राहुकाल के दौरान कोई भी नया काम, विशेषकर यात्रा, बिजनेस डील, या कोई बड़ा निर्णय नहीं लेना चाहिए। 1 जुलाई 2025 को शहरों के अनुसार राहुकाल इस प्रकार रहेगा:
- दिल्ली: 03:54 PM से 05:38 PM
- मुंबई: 04:01 PM से 05:40 PM
- चंडीगढ़: 03:58 PM से 05:44 PM
- लखनऊ: 03:37 PM से 05:20 PM
- भोपाल: 03:47 PM से 05:28 PM
- कोलकाता: 03:03 PM से 04:44 PM
- अहमदाबाद: 04:06 PM से 05:47 PM
- चेन्नई: 03:26 PM से 05:02 PM
सूर्य उदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय: सुबह 05:27 बजे
- सूर्यास्त: शाम 07:23 बजे
इस दिन कुल 13 घंटे 56 मिनट का दिन रहेगा, जिसमें सुबह से लेकर शाम तक कई शुभ और अशुभ योग बनते-बिगड़ते रहेंगे।
व्यतिपात योग का प्रभाव
1 जुलाई को शाम 5 बजकर 19 मिनट तक व्यतिपात योग रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार व्यतिपात योग में विवाह, गृह प्रवेश, या जमीन-जायदाद की खरीद-फरोख्त जैसे बड़े कामों से बचना चाहिए। हालांकि, हनुमानजी की पूजा, हनुमान चालीसा का पाठ या सुंदरकांड का पाठ करने से इस योग का दुष्प्रभाव कम किया जा सकता है।
नक्षत्र परिवर्तन और उसका महत्व
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा, जो प्रेम, कला, और सामाजिक मेलजोल के लिए शुभ माना जाता है। इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र लग जाएगा, जिसका संबंध विवाह, रिश्तों की मजबूती और करियर में उन्नति से होता है। अगर किसी का जन्म इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होता है तो ऐसा जातक स्वभाव से परोपकारी, मिलनसार और सामाजिक कार्यों में सक्रिय होता है।
मंगलवार का विशेष महत्व
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की उपासना के लिए आदर्श माना जाता है। ऐसे में श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर बजरंगबली को सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चना और लाल फूल चढ़ाएं। मंगल दोष से मुक्ति के लिए भी मंगलवार को हनुमान मंदिर में प्रसाद चढ़ाना और दर्शन करना फलदायी रहता है। इस दिन कोई बड़ा पर्व या व्रत नहीं पड़ रहा, लेकिन मंगलवार के कारण हनुमान भक्त उपवास रख सकते हैं। कई जगह लोग मंगल दोष शांति के लिए भी मंगलवार को उपवास रखते हैं।
पंचांग के अनुसार दिनचर्या
1 जुलाई को पंचांग के अनुसार आप सुबह जल्दी उठकर स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद श्री गणेश का स्मरण करें और दिन की शुभ शुरुआत करें। अगर कोई बड़ा फैसला लेना हो तो अभिजीत मुहूर्त का ही उपयोग करें।
- घर से निकलते समय दही और गुड़ खाना शुभ रहेगा।
- नए वाहन या घर खरीदने की योजना हो तो 11:57 AM से 12:53 PM तक का अभिजीत मुहूर्त सबसे उपयुक्त रहेगा।
- राहुकाल के दौरान मोबाइल या इंटरनेट ट्रांजैक्शन जैसे आर्थिक लेन-देन से भी परहेज करें।
1 जुलाई 2025 का दिन पंचांग के अनुसार कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। जहां एक ओर व्यतिपात योग सुबह से शाम 5:19 बजे तक कुछ कार्यों में रुकावट डाल सकता है, वहीं अभिजीत मुहूर्त सफलता दिलाने वाला साबित होगा। मंगलवार का दिन होने के कारण हनुमानजी की साधना से विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है।