4 अगस्त 2025 को श्रावण शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि, अंतिम सावन सोमवार, इंद्र योग और अनुराधा नक्षत्र के साथ विशेष धार्मिक महत्व है। जानिए शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।
Sawan 2025: श्रावण मास का अंतिम सोमवार हमेशा धार्मिक रूप से विशेष माना जाता है। इस दिन शिव भक्त व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और विशेष मनोकामनाएं पूर्ण करने की कामना करते हैं। 04 अगस्त 2025 को न केवल सावन का अंतिम सोमवार पड़ेगा, बल्कि यह दिन शुभ योगों और महत्वपूर्ण नक्षत्रों से भी युक्त है। आइए जानते हैं 4 अगस्त 2025 का विस्तृत दैनिक पंचांग (Daily Panchang), शुभ मुहूर्त, व्रत-त्योहार, राहुकाल, सूर्योदय-सूर्यास्त का समय और अन्य खास जानकारी।
दिनांक और तिथि की जानकारी
4 अगस्त 2025 को श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है, जो सुबह 11:42 बजे तक रहेगी। इसके बाद एकादशी तिथि का आरंभ होगा। चूंकि सावन मास का यह अंतिम सोमवार है, इसलिए यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव का व्रत रखकर जलाभिषेक करते हैं और शिवलिंग पर बेलपत्र, भस्म, गंगाजल, दूध और शहद चढ़ाकर पूजा करते हैं।
शुभ योग: इंद्र योग का महत्व
इस दिन इंद्र योग बन रहा है, जो 5 अगस्त की सुबह 7:24 बजे तक प्रभावी रहेगा। ज्योतिष शास्त्रों में इंद्र योग को शुभ और फलदायी माना गया है। इस योग में किए गए धार्मिक और मांगलिक कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं। शिव पूजा, व्रत, जप और दान जैसे कर्मों के लिए यह योग अत्यंत उपयुक्त है।
नक्षत्र परिवर्तन: अनुराधा से ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश
4 अगस्त को सुबह 9:13 बजे तक अनुराधा नक्षत्र रहेगा, जिसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। अनुराधा नक्षत्र को मित्रता, समर्पण और अध्यात्म से जोड़ा जाता है। वहीं ज्येष्ठा नक्षत्र जीवन के संघर्षों और आत्मबल का प्रतीक होता है। इस नक्षत्र परिवर्तन का असर व्यक्ति की सोच और फैसलों पर पड़ सकता है।
व्रत और त्योहार: सावन का अंतिम सोमवार
सावन सोमवार व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे महत्वपूर्ण अवसर होता है। विशेषकर सावन का आखिरी सोमवार, जब भक्त पूरे माह की तपस्या और भक्ति को संपूर्णता देते हैं। इस दिन उपवास रखने, शिव पुराण का पाठ करने और रुद्राभिषेक कराने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस सोमवार को विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए उपवास रखती हैं, जबकि विवाहित स्त्रियां दांपत्य जीवन की सुख-शांति हेतु व्रत करती हैं।
अभिजीत मुहूर्त: कार्यों की सफलता का समय
जो लोग किसी शुभ कार्य, पूजा, निवेश या नई शुरुआत की योजना बना रहे हैं, उनके लिए अभिजीत मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण होता है। 4 अगस्त को यह मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से 12:54 बजे तक रहेगा। यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है, विशेषकर जब कोई निश्चित मुहूर्त उपलब्ध न हो।
4 अगस्त का राहुकाल: किस समय रहें सतर्क
राहुकाल को अशुभ काल माना गया है, इस समय में कोई नया काम, यात्रा, निवेश या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। विभिन्न शहरों के अनुसार राहुकाल का समय नीचे दिया गया है:
- दिल्ली: सुबह 07:25 से 09:05 बजे तक
- मुंबई: सुबह 07:53 से 09:30 बजे तक
- चंडीगढ़: सुबह 07:24 से 09:05 बजे तक
- लखनऊ: सुबह 07:12 से 08:52 बजे तक
- भोपाल: सुबह 07:30 से 09:09 बजे तक
- कोलकाता: सुबह 06:47 से 08:26 बजे तक
- अहमदाबाद: सुबह 07:50 से 09:28 बजे तक
- चेन्नई: सुबह 07:25 से 09:05 बजे तक
राहुकाल के समय कोई भी शुभ काम, जैसे कि यात्रा, नया काम शुरू करना या कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
इस दिन सूर्योदय सुबह 05:43 बजे और सूर्यास्त शाम 07:10 बजे होगा। शिव पूजा के लिए प्रातःकाल का समय सर्वश्रेष्ठ होता है, जब वातावरण शुद्ध और मन एकाग्र होता है।
धार्मिक महत्व: शिव भक्ति का समर्पण दिवस
सावन सोमवार को विशेष रूप से शिवालयों में रुद्राभिषेक, शिव चालीसा का पाठ और महामृत्युंजय जाप किए जाते हैं। शिवभक्त बेलपत्र, धतूरा, भस्म और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। इस दिन की गई प्रार्थना और व्रत को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थ की सिद्धि देने वाला बताया गया है।
सावधानियां और सुझाव
- व्रत के दौरान सात्विक आहार लें, दिनभर संयम और शिव का स्मरण बनाए रखें।
- राहुकाल के समय किसी भी प्रकार की आर्थिक लेन-देन या नया कार्य शुरू न करें।
- नक्षत्र और योगों का प्रभाव ध्यान में रखते हुए कार्यों की योजना बनाएं।
- यदि संभव हो तो रुद्राभिषेक या शिव मंत्रों का जाप करें।