ट्रंप द्वारा BRICS देशों पर टैरिफ की धमकी देने पर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बोले, दुनिया को अब किसी शहंशाह की जरूरत नहीं। वैश्विक व्यापार को डॉलर से मुक्त होना चाहिए।
BRICS Summit: BRICS देशों पर 10% टैरिफ की अमेरिकी धमकी पर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने सख्त जवाब दिया है। लूला ने कहा कि आज की दुनिया किसी 'शहंशाह' को स्वीकार नहीं करती। उन्होंने ग्लोबल साउथ की भूमिका और बहुध्रुवीयता को मजबूत करने की वकालत की है।
ट्रंप की टैरिफ धमकी पर लूला का पलटवार
ब्रिक्स देशों को 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने करारा जवाब दिया है। लूला ने कहा है कि "दुनिया अब बदल चुकी है और उसे किसी शहंशाह की जरूरत नहीं है।" उन्होंने कहा कि आज का वैश्विक परिदृश्य बहुध्रुवीय है और किसी एक देश का प्रभुत्व अब स्वीकार्य नहीं है।
BRICS सम्मेलन में दी खुली चेतावनी
यह बयान लूला ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दिया जो इस बार ब्राजील के शहर रियो डि जनेरियो में आयोजित हुआ। ट्रंप द्वारा दी गई टैरिफ की धमकियों पर जवाब देते हुए लूला ने कहा, "अब कोई भी देश शहंशाहों को पसंद नहीं करता।" उन्होंने ट्रंप के रवैये को अहंकारपूर्ण करार दिया और कहा कि विश्व को अब सामूहिक नेतृत्व और सहभागिता की जरूरत है।
ट्रंप की धमकी: BRICS देशों पर 10% टैरिफ
गौरतलब है कि ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि जो देश ब्रिक्स की कथित "अमेरिका विरोधी नीतियों" में शामिल होंगे, उन पर 10% अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया जाएगा। इसके पहले ट्रंप ने दिसंबर 2024 में कहा था कि अगर BRICS देश डॉलर को दरकिनार कर अपनी अलग मुद्रा की दिशा में बढ़ते हैं तो उन पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा।
ट्रंप की रणनीति
ट्रंप ने अपने बयान में कहा था, "अगर ब्रिक्स देश डॉलर को किनारे कर नई मुद्रा की योजना बनाते हैं, तो उन्हें अमेरिकी बाजार को अलविदा कहना होगा।" ट्रंप का यह बयान ग्लोबल साउथ में हो रहे डी-डॉलरीकरण प्रयासों के खिलाफ एक सीधा संदेश माना गया।
लूला की नीति: बहुध्रुवीयता और ग्लोबल साउथ का समर्थन
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा की राजनीतिक विचारधारा समाजवादी और प्रगतिशील मानी जाती है। वे वैश्विक स्तर पर ग्लोबल साउथ, बहुध्रुवीयता और आर्थिक समानता की वकालत करते रहे हैं। उनके अनुसार, केवल अमेरिकी डॉलर पर आधारित वैश्विक व्यापार प्रणाली अब टिकाऊ नहीं रही। लूला ने कहा, "दुनिया को ऐसा विकल्प चाहिए जिसमें व्यापार केवल डॉलर के जरिए न हो। हम चाहते हैं कि केंद्रीय बैंक आपस में विकल्प तलाशें।"
BRICS की मुद्रा योजना
BRICS समूह (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) अमेरिकी डॉलर की एकाधिकारवादी भूमिका को चुनौती देने के लिए नई भुगतान प्रणाली विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। रूस ने 2024 के कजान सम्मेलन में एक संभावित सोने-समर्थित मुद्रा "यूनिट" का प्रस्ताव दिया था। हालांकि भारत इस मुद्दे पर संतुलित दृष्टिकोण अपना रहा है और केवल व्यापार जोखिम कम करने पर जोर दे रहा है।