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मुंबई में e-SIM अपग्रेड स्कैम: डॉक्टर के खाते से 11 लाख रुपये की चोरी

मुंबई में e-SIM अपग्रेड स्कैम: डॉक्टर के खाते से 11 लाख रुपये की चोरी

मुंबई में एक डॉक्टर के बैंक खाते से e-SIM अपग्रेड स्कैम के जरिए 11 लाख रुपये की ठगी हुई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। यह घटना डिजिटल फ्रॉड की बढ़ती गंभीरता को दर्शाती है। विशेषज्ञों ने यूज़र्स को OTP साझा न करने और साइबर सतर्कता अपनाने की सलाह दी है।

e-SIM Scam: सितंबर में दक्षिण मुंबई के एक डॉक्टर के बैंक खाते से लगभग 11 लाख रुपये उड़ाए गए, जब उन्होंने e-SIM अपग्रेड के नाम पर कॉलर द्वारा मांगा गया OTP साझा किया। घटना के बाद मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने आरोपी को गिरफ्तार किया। यह डिजिटल फ्रॉड दर्शाता है कि हाई-टेक स्कैम अब किसी भी यूज़र को निशाना बना सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि OTP या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करना और मोबाइल ऐप्स का नियमित अपडेट करना ऐसे फ्रॉड से बचाव का सबसे सुरक्षित तरीका है।

डायरेक्ट और हाई-टेक साइबर फ्रॉड

मुंबई के एक डॉक्टर के साथ हुए e-SIM अपग्रेड स्कैम ने डिजिटल फ्रॉड की गंभीरता को उजागर किया है। सितंबर में हुई इस घटना में लगभग 11 लाख रुपये डॉक्टर के बैंक खाते से उड़ाए गए। पुलिस ने मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया और जांच में पता चला कि OTP साझा करने की वजह से ठगों को बैंक खाते तक पहुंच मिली।

डॉक्टर को कॉल कर ठग ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का प्रतिनिधि बताया और कहा कि उनका सिम e-SIM में अपग्रेड होगा। भरोसा जताकर डॉक्टर ने OTP शेयर किया, जिसके बाद दो दिन में उनका बैंक खाता खाली हो गया।

e-SIM क्या है और कैसे होता है फ्रॉड

e-SIM डिजिटल सिम होती है, जो फोन या स्मार्टवॉच में इनबिल्ट होती है। इसे फिजिकल सिम की जरूरत नहीं होती। ठग इसका फायदा उठाकर डुप्लिकेट e-SIM एक्टिवेट कर लेते हैं। पीड़ित का मूल सिम डीएक्टिवेट हो जाता है और फ्रॉडस्टर को बैंक, ईमेल और OTP-आधारित सर्विसेज़ का एक्सेस मिल जाता है।

इस तरह के स्कैम में आमतौर पर ठग खुद को टेलीकॉम कर्मचारी बताते हैं और यूज़र को फेक लिंक या OTP शेयर करने के लिए प्रेरित करते हैं। इससे उन्हें सभी संवेदनशील जानकारी मिल जाती है।

बचाव के उपाय और सावधानियां

Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) के मुताबिक, OTP किसी को भी शेयर न करें। अज्ञात लिंक या e-SIM अपग्रेड संदेशों पर क्लिक न करें। यदि सिम अचानक बंद हो जाए या नेटवर्क में असामान्यता दिखे तो तुरंत अपने टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करें। किसी भी साइबर अपराध की रिपोर्ट cybercrime.gov.in पर दर्ज कराएं।

विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल फ्रॉड बढ़ रहा है और यूज़र्स को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। इस घटना ने साबित किया कि केवल सतर्कता ही ऐसी हाई-टेक ठगी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।

e-SIM स्कैम जैसे फ्रॉड्स डिजिटल दुनिया में गंभीर खतरे पैदा कर रहे हैं। सभी मोबाइल और इंटरनेट यूज़र्स को चाहिए कि वे OTP और व्यक्तिगत जानकारी किसी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करें। अपडेटेड रहने के लिए अपने मोबाइल और बैंक ऐप्स का नियमित अपडेट करें और cybercrime.gov.in पर संभावित फ्रॉड की रिपोर्ट दर्ज कराएँ।

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