भारतीय रेलवे ने लखनऊ मंडल में टीटीई की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम शुरू किया है। 11 स्टेशनों पर लागू इस डिजिटल प्रणाली से पारदर्शिता, अनुशासन और कार्यकुशलता में सुधार होगा।
UP News: जांच कर्मियों (TTE) की उपस्थिति पूरी तरह डिजिटल तरीके से दर्ज की जाएगी। इसके लिए रेलवे ने बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की है। यह नई व्यवस्था रायबरेली समेत कुल 11 लॉबी में शुरू की गई है, जिससे मैनुअल रजिस्टर की जरूरत समाप्त हो गई है।
किन स्टेशनों पर लागू हुआ नया सिस्टम
लखनऊ मंडल के जिन 11 स्टेशनों पर यह प्रणाली लागू की गई है, उनमें लखनऊ, रायबरेली, वाराणसी जंक्शन, उन्नाव, प्रयागराज संगम, शाहगंज, अयोध्या धाम, सुल्तानपुर, बाराबंकी, मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ और अयोध्या कैंट शामिल हैं। इन सभी स्थानों पर बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिये अब टीटीई की उपस्थिति रियल टाइम में दर्ज होगी।
इस प्रणाली के जरिए हर कर्मचारी की हाजिरी सीधे डिजिटल सर्वर पर सेव होगी। इससे रेलवे प्रशासन को वास्तविक समय में यह पता चल सकेगा कि कौन कर्मचारी ड्यूटी पर है और कौन अनुपस्थित है।
खत्म हुआ मैनुअल रजिस्टर का झंझट
पहले टीटीई अपनी उपस्थिति मैनुअल रजिस्टर में दर्ज करते थे। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और देरी की समस्या रहती थी। नई प्रणाली लागू होने के बाद अब यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल और स्वचालित हो गई है। बायोमेट्रिक उपस्थिति से गलत एंट्री या फर्जी उपस्थिति की संभावना भी समाप्त हो जाएगी।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे न केवल कार्यकुशलता बढ़ेगी बल्कि समयपालन और जवाबदेही में भी सुधार होगा। अब प्रत्येक कर्मचारी की उपस्थिति और ड्यूटी समय दोनों का सटीक रिकॉर्ड रखा जा सकेगा।
कार्यकुशलता और पारदर्शिता में सुधार
मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि यह पहल “डिजिटल इंडिया” मिशन के तहत रेलवे को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। उनका कहना है कि बायोमेट्रिक प्रणाली से रेलवे संचालन में पारदर्शिता और दक्षता दोनों बढ़ेंगी।
इस प्रणाली से ड्यूटी शेड्यूलिंग भी अधिक प्रभावशाली हो गई है। अब किसी कर्मचारी के देर से आने या अनुपस्थित रहने की जानकारी तुरंत अधिकारियों को मिल जाएगी। इससे न केवल व्यवस्था में अनुशासन बढ़ेगा बल्कि ट्रेन संचालन की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
स्थानीय स्तर पर भी निगरानी आसान
रायबरेली सहित अन्य स्टेशनों पर इस सिस्टम के सफलतापूर्वक लागू होने से स्थानीय स्तर पर भी निगरानी और ड्यूटी प्रबंधन सरल हो गया है। प्रत्येक लॉबी से डेटा केंद्रीकृत सर्वर पर भेजा जाता है, जिससे मुख्यालय को सभी कर्मचारियों की रियल टाइम उपस्थिति की जानकारी एक क्लिक में मिल सकती है।
रेलवे के तकनीकी विभाग का कहना है कि यह प्रणाली आने वाले समय में सभी बड़े मंडलों में लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य पूरे देश में रेलवे स्टाफ के कामकाज को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना है।
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम
इस पहल को रेलवे के डिजिटलीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह प्रणाली रेलवे को तकनीकी रूप से सक्षम बनाते हुए पारदर्शिता को भी सुनिश्चित करेगी। इससे समय की बचत होगी, डेटा सुरक्षित रहेगा और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करना आसान होगा।