समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज लखनऊ में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज लखनऊ में 1857 की क्रांति की वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने रानी अवंतीबाई के योगदान और सम्मान की बात कही। साथ ही, अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए ईवीएम, भ्रष्टाचार और सड़क निर्माण जैसे मुद्दों को उठाया।
उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मची। हाल ही में हुए वोट चोरी और बिहार में SIR से जुड़े मामलों को भी उन्होंने प्रमुखता से सामने रखा।
रानी अवंतीबाई को दी श्रद्धांजलि, BJP पर गंभीर आरोप
अखिलेश यादव ने रानी अवंतीबाई लोधी को 1857 की क्रांति में उनके योगदान के लिए याद किया। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी वीरांगनाओं का सम्मान हमेशा किया जाए। रानी अवंतीबाई, जो मध्य प्रदेश के रामगढ़ की रानी थीं, ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने साहसिक कार्यों से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। इस कार्यक्रम में सपा कार्यकर्ता भी मौजूद थे और उन्होंने रानी अवंतीबाई की स्मृति में एकजुटता दिखाई।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी कोई स्पष्ट विचारधारा नहीं है, बल्कि उनकी प्राथमिकता सिर्फ कुर्सी पर बने रहना है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष को दुश्मन मानती है और आम जनता को शामिल नहीं करती। उन्होंने सड़क निर्माण और एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए।
अखिलेश ने कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से सड़कों पर गड्ढे और टूटी हुई एक्सप्रेसवे आम जनता के सामने हैं। उन्होंने लाल किले पर 15 अगस्त के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा किसी भी समय झूठ बोल सकती है और जनता को भ्रमित कर सकती है।
चुनाव आयोग पर सवाल
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा कि चाहे प्रधान चुनाव, विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव या अन्य मतदान हों, चुनाव आयोग बार-बार आलोचना का सामना कर रहा है। अखिलेश ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग का मुख्य दायित्व निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है ताकि जनता का विश्वास बना रहे। उन्होंने बताया कि हाल ही में बिहार में चुनावी विवादों और ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के मुद्दों को लेकर जनता में अविश्वास बढ़ा है।
उन्होंने जर्मनी और अमेरिका के उदाहरण देते हुए कहा कि तकनीकी प्रणालियां इतनी फुल-प्रूफ होनी चाहिए कि किसी भी प्रकार की बेईमानी या गड़बड़ी न हो।अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र का मूल आधार सद्भाव, पारदर्शिता और जनता की भागीदारी है। उन्होंने भाजपा की नीतियों को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि राजनीतिक नेतृत्व को जनता की राय का सम्मान करना चाहिए।