अलीगढ़ नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने दीपावली से ठीक पहले ईईएसएल कंपनी के स्ट्रीट लाइट संचालन और रखरखाव का अनुबंध रद्द कर दिया। आयुक्त ने कहा कि नगर निगम की जनसुविधाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
अलीगढ: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने दीपावली से ठीक पहले सख्त कार्रवाई करते हुए ईईएसएल कंपनी का स्ट्रीट लाइटों का अनुबंध रद्द कर दिया है। नगर आयुक्त ने यह कदम लगातार लापरवाही और अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन के चलते उठाया।
इससे साफ संदेश गया है कि नगर निगम की जनसुविधाओं के साथ कोई समझौता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नगर आयुक्त के इस एक्शन के बाद अन्य विभागों और ठेकेदारों में भी सक्रियता देखने को मिली।
अनुबंध रद्द करने का कारण
ईईएसएल और नगर निगम के बीच 24 फरवरी 2015 को स्ट्रीट लाइटों की स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए अनुबंध हुआ था। इसमें कुल 52,954 लाइटें शामिल थीं, जिनमें से 38,757 लाइटें नगर निगम क्षेत्र में लगाई गई थीं।
नगर आयुक्त ने बताया कि अनुबंध की शर्तों के अनुसार सभी लाइटों को 95 प्रतिशत समय तक कार्यशील रखना अनिवार्य था। बावजूद इसके, कंपनी ने लाइटों की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में लगातार लापरवाही बरती। मोनिटरिंग टीम की कम संख्या के कारण कई लाइटें लंबे समय तक खराब रहीं।
नगर निगम के नोटिस के बावजूद कोई सुधार नहीं
नगर निगम द्वारा ईईएसएल को 20 से अधिक नोटिस जारी किए गए थे, ताकि लाइटों की नियमित देखभाल और मरम्मत सुनिश्चित की जा सके। इसके बावजूद कंपनी ने किसी भी दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया।
नगर आयुक्त ने कहा कि अनुबंध की धारा 16.4 (Termination by Aligarh Nagar Nigam) के तहत, यदि निर्धारित समय में सुधार नहीं होता तो नगर निगम को अनुबंध समाप्त करने का अधिकार है। 30 जून 2025 को टर्मिनेशन नोटिस जारी किया गया और 30 दिन की अवधि देने के बावजूद कंपनी ने कोई सुधार नहीं किया।
मेयर ने नगर आयुक्त के फैसले का समर्थन किया
महापौर प्रशांत सिंघल ने नगर आयुक्त के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि नगर निगम का प्राथमिक कर्तव्य नागरिकों को सुचारू और सुरक्षित प्रकाश व्यवस्था प्रदान करना है।
नगर आयुक्त ने विद्युत विभाग को निर्देश दिए हैं कि शहर के मुख्य मार्गों, चौराहों और कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइटों की नियमित कार्यशीलता सुनिश्चित की जाए। इससे नागरिकों को कोई असुविधा न हो और शहर की प्रकाश व्यवस्था में बाधा न आए।