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उ. प्र. के कई जिलों में बढ़ती बंदर समस्या: Allahabad High Court ने राज्य-सरकार को चार सप्ताह में ठोस कार्ययोजना सौंपने का आदेश

उ. प्र. के कई जिलों में बढ़ती बंदर समस्या: Allahabad High Court ने राज्य-सरकार को चार सप्ताह में ठोस कार्ययोजना सौंपने का आदेश

प्रयागराज, 24 सितंबर, 2025: उत्तर प्रदेश में बंदरों (मंकी) की बढ़ती समस्या अब न्यायालय की नज़र में आ गई है। इस सिलसिले में Allahabad High Court ने Prayagraj जिला मुख्यालय से राज्य-सरकार को चार सप्ताह के भीतर एक सम्‍पूर्ण कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने साथ ही कहा है कि इस कार्ययोजना के निर्माण में Animal Welfare Board of India और राज्य व स्थानीय पशु कल्याण बोर्डों की सलाह अनिवार्य है।

न्यायालय ने देखा कि बंदरों की आबादी नियंत्रण से बाहर जा रही है, जिसके कारण मानव-बंदर टकराव, संपत्ति को क्षति, और सार्वजनिक भय जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। राज्य सरकार, स्थानीय नगरपालिका तथा वन विभाग सहित विभिन्न पक्ष अपनी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालते नजर आ रहे हैं। अदालत ने कहा है कि “कोई भी विभाग जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं” है।

केस के संबंध में दायर जनहित याचिका में यह दावा किया गया था कि बंदरों को भोजन नहीं मिल रहा, भूख-प्यास के कारण उनका व्यवहार अनियंत्रित हो गया है, और वे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश कर शहर के निवासियों के लिए खतरा बन गए हैं।

उच्च न्यायालय ने उत्तर-प्रदेश के शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव को प्रतिवेदन जमा करने तथा तय अक्टूबर 31 तक अगली सुनवाई के लिए मामला तैयार रखने का निर्देश दिया है। 

उच्च न्यायालय का यह आदेश यह संकेत देता है कि बंदर समस्या अब सिर्फ भटकती शिकायतों का विषय नहीं बल्कि सुव्यवस्थित सार्वजनिक तथा वन्यजीव-प्रबंधन का प्रश्न बन चुकी है। राज्य-स्तर पर इस पर लागू नीति और जन भागीदारी के माध्यम से ही यह समस्या कारगर हल पा सकती है।

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