Pune

अमेरिका में आतंक का प्लान फेल, डेट्रॉइट में पकड़े गए दो संदिग्ध, जानिए पूरा मामला

अमेरिका में आतंक का प्लान फेल, डेट्रॉइट में पकड़े गए दो संदिग्ध, जानिए पूरा मामला

अमेरिकी एफबीआई ने डेट्रॉइट में इस्लामिक स्टेट से प्रेरित दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर बड़ा आतंकी हमला टाल दिया। आरोपी हैलोवीन पर LGBTQ+ बारों को निशाना बनाना चाहते थे। एफबीआई ने हथियार और कारतूस भी बरामद किए।

America: अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी FBI (Federal Bureau of Investigation) ने देश में एक बड़ा आतंकी हमला नाकाम कर दिया है। यह हमला हैलोवीन (Halloween) के दिन किया जाना था। अधिकारियों के मुताबिक, डेट्रॉइट (Detroit) क्षेत्र से दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है जो इस्लामिक स्टेट (Islamic State) से प्रेरित थे। दोनों संदिग्धों की पहचान मोमेद अली और माजिद महमूद के रूप में हुई है। एफबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि ये दोनों लोग LGBTQ+ बारों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे।

हमले की योजना थी हैलोवीन पर

जांच एजेंसी के अनुसार, आरोपी कई सप्ताह से हैलोवीन के मौके पर बड़े पैमाने पर हमला करने की योजना बना रहे थे। उनकी बातचीत में बार-बार “कद्दू (Pumpkin)” शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा था, जो उनके लिए हमले का कोड वर्ड था। यह बातचीत एन्क्रिप्टेड चैट (Encrypted Chat) में हो रही थी जिसे एफबीआई ने डीक्रिप्ट कर लिया।

इन एन्क्रिप्टेड संदेशों से पता चला कि हमले का टारगेट अमेरिका के डेट्रॉइट उपनगर फर्नडेल (Ferndale) के LGBTQ+ बार थे। आरोपी इन बारों की कई बार जासूसी (Surveillance) कर चुके थे और उनके लेआउट की जानकारी जुटा चुके थे।

स्टोरेज यूनिट से बरामद हुए हथियार

एफबीआई ने डियरबॉर्न (Dearborn) स्थित एक घर और इंक्स्टर (Inkster) इलाके में एक स्टोरेज यूनिट पर छापा मारा। यहां से AR-15 स्टाइल राइफल (AR-15 style rifle) समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। जांच में सामने आया कि दोनों आरोपियों ने 1600 से अधिक राउंड के कारतूस खरीदे थे और वे अक्सर रेंज पर फायरिंग प्रैक्टिस किया करते थे।

एफबीआई के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने आरोपियों की गतिविधियों पर कई हफ्तों तक नजर रखी थी। यहां तक कि डियरबॉर्न में स्थित घर के बाहर एक खंभे पर कैमरा लगाकर निगरानी की जा रही थी।

एफबीआई डायरेक्टर ने दी जानकारी

एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने शुक्रवार को बताया कि मोमेद अली और माजिद महमूद को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है और एजेंसी इस बात की पुष्टि कर चुकी है कि दोनों आरोपी ISIS की विचारधारा से प्रेरित थे। हालांकि गिरफ्तारी के तुरंत बाद एफबीआई ने अधिक जानकारी साझा नहीं की थी, ताकि बाकी संदिग्धों की तलाश प्रभावित न हो।

संघीय अदालत में दर्ज हुई शिकायत

संघीय अदालत में 72 पन्नों की आपराधिक शिकायत (Criminal Complaint) दाखिल की गई है। इसमें बताया गया है कि दोनों आरोपी एक आतंकी साजिश (Terror Plot) में शामिल थे और इस्लामिक स्टेट के ऑनलाइन नेटवर्क से प्रभावित थे।

शिकायत के मुताबिक, इस साजिश में एक नाबालिग व्यक्ति की भी भूमिका संदिग्ध है। जांच एजेंसी का कहना है कि वे सभी चरमपंथी विचारधारा (Extremist Ideology) से प्रभावित होकर “पवित्र युद्ध” जैसी मानसिकता बना चुके थे।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर लिखा, “हमारे अमेरिकी नायकों ने एक बड़ा आतंकी हमला होने से पहले ही रोक दिया। यह एफबीआई और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समर्पण का नतीजा है।”

उनके इस बयान के बाद अमेरिका में सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका की व्यापक सराहना की जा रही है। लोगों ने सोशल मीडिया पर एफबीआई की सतर्कता की तारीफ करते हुए लिखा कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की जाती, तो निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी।

LGBTQ+ समुदाय को बनाया गया था निशाना

एफबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने डेट्रॉइट क्षेत्र के कई LGBTQ+ क्लब और बार की गुप्त रूप से फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग की थी। वे बार-बार इन स्थानों के बाहर जाकर भीड़ का अंदाजा लगा रहे थे और हमले की संभावनाएं तलाश रहे थे।

जांच में पता चला कि वे हैलोवीन पार्टी के दौरान अधिकतम नुकसान पहुँचाने की योजना बना रहे थे, ताकि भीड़भाड़ का फायदा उठाकर अधिकतम लोगों की जान ली जा सके।

एन्क्रिप्टेड चैट से मिले अहम सुराग

एफबीआई एजेंटों को मिले एन्क्रिप्टेड संदेशों से इस साजिश का पूरा नेटवर्क सामने आया। एजेंसी ने बताया कि आरोपी “सुरक्षित चैट प्लेटफॉर्म” का उपयोग कर रहे थे, जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन वाला था। इसमें उन्होंने हथियार खरीद, गोला-बारूद की डिलीवरी और संभावित लक्ष्यों पर चर्चा की थी।

इन संदेशों को डिक्रिप्ट करने में विशेषज्ञ टीमों ने कई सप्ताह लगाए। इसके बाद ही एजेंसी को यह साफ हुआ कि यह योजना इस्लामिक स्टेट के आतंकी मॉड्यूल से मिलती-जुलती थी।

ISIS से जुड़ाव की जांच

एफबीआई और Homeland Security Department अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इन दोनों आरोपियों का सीधा संपर्क ISIS नेटवर्क से था या वे सिर्फ उसकी विचारधारा से प्रभावित थे। प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया कि दोनों ने इंटरनेट पर ISIS प्रचार सामग्री देखी थी और उससे प्रभावित होकर अपने स्तर पर हमला करने का निर्णय लिया था।

Leave a comment