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Asia Cup 2025: मोहसिन नकवी की दंबगई 4 दिन में खत्म, BCCI की धमकी पर सौंपी ट्रॉफी

Asia Cup 2025: मोहसिन नकवी की दंबगई 4 दिन में खत्म, BCCI की धमकी पर सौंपी ट्रॉफी

पीसीबी के अध्यक्ष और पाकिस्तान सरकार के गृहमंत्री मोहसिन नकवी को आखिरकार बीसीसीआई के आगे झुकना पड़ा। एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब जीता था, लेकिन इसके बाद ट्रॉफी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था

स्पोर्ट्स न्यूज़: एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मुकाबले के बाद ट्रॉफी विवाद ने क्रिकेट प्रेमियों और मीडिया में तहलका मचा दिया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष और पाकिस्तान सरकार के गृह मंत्री मोहसिन नकवी को बीसीसीआई (BCCI) के सख्त रुख के आगे झुकना पड़ा और उन्होंने यूएई बोर्ड को एशिया कप ट्रॉफी सौंप दी।

विवाद की शुरुआत

यह विवाद तब शुरू हुआ जब भारत ने पाकिस्तान को फाइनल में 5 विकेट से हराकर एशिया कप 2025 अपने नाम किया। मैच के बाद नकवी विजेता टीम को ट्रॉफी देने के बजाय ट्रॉफी और मेडल अपने होटल रूम ले गए। भारतीय खिलाड़ी और टीम अधिकारी ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया, जिससे स्थिति और जटिल हो गई।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नकवी ने एसीसी अध्यक्ष के पद का दुरुपयोग किया और उत्तरदायित्व संहिता तथा औपचारिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। एशिया कप के विजेताओं का सम्मान करना उनके लिए मुख्य जिम्मेदारी थी, लेकिन ट्रॉफी लेकर होटल ले जाना भारतीय टीम और पूरे टूर्नामेंट का अपमान साबित हुआ।

BCCI का सख्त रुख

बीसीसीआई ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मोहसिन नकवी को चेतावनी दी कि यदि ट्रॉफी वापस नहीं की गई तो आईसीसी में शिकायत दर्ज कराई जाएगी। 30 सितंबर को वर्चुअल एसीसी मीटिंग में बीसीसीआई के अधिकारी राजीव शुक्ला और आशीष शेलार ने नकवी का सीधे सामना किया और कहा कि ट्रॉफी वैध विजेता भारत की है, किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं।

इस मीटिंग में नकवी ने भारतीय टीम को बधाई देने से इनकार किया, लेकिन बाद में उन्होंने माफी मांगी और कहा, जो कुछ हुआ वह नहीं होना चाहिए था। बीसीसीआई ने यह भी कहा कि ट्रॉफी और मेडल्स को औपचारिक रूप से सूर्यकुमार यादव की कप्तानी वाली भारतीय टीम को सौंपा जाए, ताकि क्रिकेट की गरिमा बनी रहे।

रिपोर्ट्स के अनुसार, नकवी ने अंततः ट्रॉफी और मेडल्स यूएई क्रिकेट बोर्ड को सौंप दिए। इस घटना से एसीसी और आईसीसी की साख पर भी असर पड़ा, क्योंकि एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के विजेताओं का सम्मान सुनिश्चित करना आयोजकों की जिम्मेदारी है।

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