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शाकिब अल हसन का इंटरनेशनल करियर खत्म, अब बांग्लादेश के लिए नहीं खेलेंगा दिग्गज ऑलराउंडर

शाकिब अल हसन का इंटरनेशनल करियर खत्म, अब बांग्लादेश के लिए नहीं खेलेंगा दिग्गज ऑलराउंडर

बांग्लादेश क्रिकेट के सबसे बड़े सितारों में शुमार शाकिब अल हसन का अंतरराष्ट्रीय करियर अब समाप्त हो गया है। बांग्लादेश क्रिकेट के स्पोर्ट्स एडवाइजर आसिफ महमूद ने साफ कर दिया है कि शाकिब अब दोबारा अपने देश के लिए खेलते हुए नहीं नजर आएंगे। 

स्पोर्ट्स न्यूज़: बांग्लादेश के दिग्गज ऑलराउंडर शाकिब अल हसन का अंतरराष्ट्रीय करियर अब समाप्त हो गया है। बांग्लादेश के स्पोर्ट्स एडवाइजर आसिफ महमूद ने स्पष्ट कर दिया है कि शाकिब अब दोबारा अपने देश के लिए खेलेंगे नहीं। शाकिब, जो इस साल तक शेख हसीना की आवामी लीग से सांसद भी थे, हालिया तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में रहना उनके लिए मुश्किल हो गया था। वह पिछले 12 महीनों से टीम के लिए नहीं खेल पाए हैं और एशिया कप-2025 में भी उनकी टीम में उपस्थिति नहीं थी।

क्या हुआ शाकिब के साथ?

शाकिब अल हसन, जो बीते दशक में बांग्लादेश क्रिकेट के फ्लैगशिप ऑलराउंडर रहे हैं, पिछले 12 महीनों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं। एशिया कप 2025 में भी वह टीम का हिस्सा नहीं थे। हाल ही में शाकिब ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के जन्मदिन पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा की थी। शाकिब का दावा है कि यह पोस्ट पूरी तरह निजी और व्यक्तिगत थी, न कि राजनीतिक। उन्होंने लिखा कि उनका हसीना से संबंध हमेशा क्रिकेट के जरिए और व्यक्तिगत रूप से मजबूत रहा है।

हालांकि, बांग्लादेश के स्पोर्ट्स एडवाइजर आसिफ महमूद ने इस पोस्ट को गंभीरता से लिया और बिना शाकिब का नाम लिए एक बयान जारी किया। उन्होंने लिखा, आप सभी ने एक इंसान को वापस न लाने के लिए मुझे काफी गालियां दीं। लेकिन मैं सही था। बात खत्म। इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) से यह कहने की योजना बनाई कि शाकिब को फिर कभी राष्ट्रीय टीम में शामिल न किया जाए।

शाकिब का जवाब

शाकिब ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, तो किसी ने मान लिया है कि मैं अब उसकी वजह से दोबारा बांग्लादेश की जर्सी नहीं पहन पाऊंगा। उन्हीं के कारण मैं दोबारा बांग्लादेश के लिए नहीं खेल सका। हो सकता है कि मैं अपनी मातृभूमि पर एक दिन लौटूं। लव यू बांग्लादेश। शाकिब ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पोस्ट केवल व्यक्तिगत भावना थी और इसमें किसी राजनीतिक उद्देश्य का हस्तक्षेप नहीं था।

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