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बाड़मेर में पुलिस की बर्बरता, युवती के परिवार के साथ मारपीट का मामला 

बाड़मेर में पुलिस की बर्बरता, युवती के परिवार के साथ मारपीट का मामला 

बाड़मेर में युवती ने आईएएस टीना डाबी के सामने रोते हुए पुलिस और परिवार से मारपीट का दर्द साझा किया। पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने मां-बेटी पर लात-घूसे और पिता पर बेल्ट से प्रहार किया।

बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक युवती ने फफक-फफक कर अपनी पीड़ा साझा की, जब उसने आईएएस टीना डाबी के सामने पुलिस के अमानवीय व्यवहार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। युवती का आरोप है कि उसके माता-पिता और पूरे परिवार के साथ चौहटन थाना पुलिस ने अत्यंत हिंसक व्यवहार किया। इस घटना ने प्रशासन और आम जनता दोनों के बीच गहरी संवेदनशीलता पैदा कर दी है।

पुलिस ने फरियादी परिवार को बनाया बंधक

पीड़ित परिवार ने बताया कि 12 सितंबर को उनके पड़ोसियों के साथ विवाद हुआ। विवाद के समाधान के लिए जब परिवार चौहटन थाना गया, तो वहां के थाना प्रभारी ने उल्टा आरोपी पक्ष का साथ लिया। फरियादी परिवार को ही बंधक बना लिया गया और पुलिस ने परिवार के साथ हिंसक कार्रवाई की। युवती ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके पिता पर बेल्ट से मारपीट की, जबकि उनके ऊपर भी लात-घूसे बरसाए गए।

थाना में होने वाली इस अमानवीय हरकत से पीड़ित परिवार पूरी तरह भयभीत था। उन्होंने बताया कि उनके साथ न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक उत्पीड़न भी किया गया। इस बर्बरता की जानकारी जैसे ही आई, परिवार ने तत्काल जिला कलेक्टर के पास न्याय की गुहार लगाई।

महिलाओं को डंडों और पट्टों से मारा गया

पीड़ित युवती निशा जैन ने बताया कि थाना में महिलाओं के साथ विशेष रूप से अपमानजनक व्यवहार किया गया। महिलाओं को पट्टों और डंडों से मारा गया। उन्हें कमरे में ले जाकर महिला कांस्टेबल की देखरेख में मारपीट की गई। निशा ने बताया कि इस दौरान वह खुद फफक-फफक कर रोती रही। युवती की इस आपबीती ने कलेक्टर टीना डाबी को भी हैरान कर दिया।

कलेक्टर ने युवती की बात ध्यानपूर्वक सुनी और मामले की गंभीरता को समझा। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस की इस हिंसक और अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। यह घटना प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाती है।

कलेक्टर ने मामले की गंभीर जांच का आश्वासन दिया

टीना डाबी ने पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया कि मामले की त्वरित जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक के साथ पुलिस का ऐसा व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। इसके अलावा, कलेक्टर ने परिवार को यह भी बताया कि उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आम जनता के बीच पुलिस जवाबदेही और मानवाधिकार की आवश्यकता पर गंभीर विचार को जन्म दिया। यह मामला यह दर्शाता है कि लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी और सुरक्षा की जरूरत है। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चेताया कि भविष्य में ऐसे व्यवहार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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