आज की ये रुला देने वाली कहानी है, एक बेबस माँ रीना पाटीदार की। जिनके 15 और 10 साल के दो बेटे हैं। दोनों ही मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी से पीड़ित हैं। चलने-फिरने से लाचार। माँ से अपने दोनों बच्चो का दर्द और बेबसी देखी नहीं जाती। रीना कहती है कि पति ने भी दोनों का इलाज कराने से मना कर दिया है। सास ने भी मारपीट कर घर से निकाल दिया। क्या करूं, कहाँ जाऊं, कुछ समझ नहीं आता।
यह कहना है इंदौर के पास राऊ इलाके में रहने वाली रीना पाटीदार का। रीना ने गुरुवार को अपने पति और सास के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट और अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है। पीड़ित महिला का आरोप है कि पति उसके दोनों बेटों का उपचार नही कराता। इस मामले में सास से कई बार झगड़ा हुआ। लेकिन एक सप्ताह पहले विवाद बढ़ गया। सास ने बुरी तरह से मारपीट की और घर से निकाल दिया।
पिता ने दोनों बच्चों को रखने से किया इनकार
टीआई नरेन्द्र रघुवंशी के मुताबिक अवध वाटिका बाइपास पर रहने वाली रानी की शिकायत पर उसके प्रॉपर्टी ब्रोकर पति गणेश और सास मनीबाई के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 1 मार्च के दिन उसे सास मनीबाई ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। जिसके बाद वह अपने मायके आ गई। पीड़िता ने पति गणेश से बच्चों के उपचार के लिए कहा, ताे उसने दोनों बच्चों और रानी को साथ रखने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने केस दर्ज करा दिया।
बच्चों के इलाज के लिए खुद करने लगी सिलाई
रानी पाटीदार ने बताया कि उसकी शादी को करीब 16 साल हो गए। 10 साल तक सब कुछ अच्छा चलता रहा। पीड़िता ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं। जिन्हें मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी की बीमारी है। छह साल से पति गणेश और सास मनीबाई ने बच्चों के उपचार को लेकर परेशान कर दिया। पति और सास ने जब दोनों का इलाज कराने से इनकार किया, तो रानी ने बच्चों के इलाज का खर्च उठाने खुद ही सिलाई का काम शुरू कर दिया। लेकिन पति और सास आए दिन मारपीट करते और बच्चों का उपचार नहीं कराते। 1 मार्च के दिन सुबह 11 बजे बच्चों के इलाज काे लेकर जब रानी ने बात की तो पति विवाद करने लगा। इसके बाद उन्होंने मारपीट की। सास मीनाबाई ने भी बहुत पीटा और घर से बाहर कर दिया। बाद में रानी ने मायके जाकर मां और भाई को पूरा मामला बताया।
फीजियोथेरैपी और एक्सरसाइज का खर्च चार सौ रुपए रोज
पीड़िता रानी ने बताया कि उसका बड़ा बेटा करीब 15 साल का है। उसकी बीमारी के बारे में उन्हें 5 साल पहले पता चला। पहले तो पति ने उपचार शुरू करवाया, लेकिन फीजियोथैरेपी और एक्सरसाइज का खर्च ही 4 सौ रुपए रोज का आता। इसके अलावा दवा का खर्च अलग। इसके चलते कुछ दिन बाद ही पति ने इलाज कराने से मना कर दिया। करीब डेढ़ साल पहले पता चला कि 10 साल के बेटे को भी यही रोग है। उसके उपचार को लेकर भी पति गणेश से कई बार बोला तो वह गुस्सा करने लगा। उपचार नही कराने से उसकी हालत बिगड़ने लगी। जिसके बाद उनके बीच विवाद होना शुरू हो गए।