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अमरनाथ यात्रा भारी बारिश और भूस्खलन से 17 जुलाई तक स्थगित, कश्मीर में रेड अलर्ट जारी

अमरनाथ यात्रा भारी बारिश और भूस्खलन से 17 जुलाई तक स्थगित, कश्मीर में रेड अलर्ट जारी

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा को 17 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया है। कश्मीर के लिए भारत मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है और दक्षिण कश्मीर में अगले 24 घंटों के दौरान अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है।

Kashmir: आस्था और श्रद्धा से भरी अमरनाथ यात्रा इस समय प्रकृति के प्रकोप से जूझ रही है। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने न केवल तीर्थयात्रियों की राह मुश्किल कर दी है, बल्कि जान का खतरा भी पैदा कर दिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दक्षिण कश्मीर के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए अगले 24 घंटों में बेहद भारी बारिश की चेतावनी दी है।

16 जुलाई की शाम को हुई भारी बारिश और भूस्खलन ने अमरनाथ यात्रा को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। गांदरबल जिले के बालटाल रूट पर रेलपथरी इलाके में एक महिला तीर्थयात्री की जान चली गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। मृत महिला की पहचान राजस्थान की 55 वर्षीय सोना बाई के रूप में की गई है। घायलों का इलाज बालटाल बेस कैंप अस्पताल में किया गया है और अब उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

17 जुलाई के लिए यात्रा स्थगित

मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने 17 जुलाई के लिए अमरनाथ यात्रा को रोकने का फैसला किया है। जम्मू, बालटाल और पहलगाम के बेस कैंप से किसी भी नए श्रद्धालु समूह को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि, जो तीर्थयात्री पहले से ही अमरनाथ गुफा के पास पहुंच चुके हैं, उन्हें सुरक्षित रास्तों से नीचे लौटने की इजाजत दी गई है ताकि किसी तरह का जोखिम न हो।

भूस्खलन और खराब मौसम ने बिगाड़ी स्थिति

भूस्खलन के कारण रेलपथरी इलाके में यात्रा मार्ग बाधित हो गया, जिसे ठीक करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) ने तुरंत मलबा हटाने का काम शुरू किया। कुछ समय के लिए रास्ता खोला भी गया, लेकिन लगातार बारिश के चलते दोबारा यात्रा को रोकना पड़ा। इसी तरह जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) पर भी भूस्खलन से आवाजाही में रुकावट आई, हालांकि बाद में उसे साफ कर फिर से चालू कर दिया गया।

रेड अलर्ट: दक्षिण कश्मीर में खतरे का पूर्वानुमान

भारत मौसम विभाग (IMD) ने दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसका कारण सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं का मिलाजुला असर बताया गया है। इस खराब मौसम के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन, सड़कों पर मलबा जमा होने और पानी भरने जैसी समस्याएं बढ़ने की आशंका जताई गई है, जिससे यात्रा और जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

अब तक 2.47 लाख श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन

3 जुलाई से शुरू हुई पवित्र अमरनाथ यात्रा में अब तक 2.47 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं। यह यात्रा 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। हालांकि लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण यात्रा को कई बार रोकना पड़ा है, जिससे श्रद्धालुओं को इंतज़ार करना पड़ा और प्रशासन को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ी है।

प्रशासन लगातार नजर रखे हुए है

यात्रा मार्गों पर प्रशासन, सुरक्षा बल, स्वास्थ्य टीमें और BRO की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं ताकि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। राज्य सरकार और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक वेबसाइट या नियंत्रण कक्ष से ही सही और ताज़ा जानकारी प्राप्त करें।

श्रद्धालुओं से अपील: धैर्य रखें, मौसम अनुकूल होते ही यात्रा बहाल होगी

प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और घबराएं नहीं, क्योंकि जैसे ही मौसम बेहतर होगा और रास्ते सुरक्षित घोषित किए जाएंगे, अमरनाथ यात्रा दोबारा शुरू कर दी जाएगी। यात्रियों से कहा गया है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें, सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट या कंट्रोल रूम से सही जानकारी लेते रहें।

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