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गंभीर आरोपों में फंसे यूपी के होम्योपैथी निदेशक अरविंद वर्मा, योगी सरकार ने किया सस्पेंड

गंभीर आरोपों में फंसे यूपी के होम्योपैथी निदेशक अरविंद वर्मा, योगी सरकार ने किया सस्पेंड

उत्तर प्रदेश सरकार ने होम्योपैथी विभाग के निदेशक प्रो. अरविंद कुमार वर्मा को गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया है। आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा ने निदेशक पर ट्रांसफर और पोस्टिंग में अनियमितता, कर्तव्यनिष्ठा की कमी, भ्रामक तथ्य पेश करने और शिथिल कार्यशैली के आरोप लगने के बाद यह सख्त कदम उठाया। आयुष अनुभाग-2 के प्रमुख सचिव रंजन कुमार के आदेश के तहत प्रो. वर्मा के खिलाफ विभागीय और अनुशासनिक जांच शुरू की जाएगी। निलंबन के बाद उन्हें राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, गाजीपुर से संबद्ध कर दिया गया है।

निलंबन के दौरान सैलरी में कटौती

प्रो. वर्मा के निलंबन के दौरान उनकी सैलरी में कटौती की जाएगी। आदेश के मुताबिक, इस अवधि में उन्हें अर्द्ध वेतन के बराबर जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। यदि वेतन पर मंहगाई भत्ता लागू होता है तो वह भी दिया जाएगा, लेकिन उन अधिकारियों को यह भत्ता नहीं मिलेगा जिन्हें पहले से यह लाभ नहीं मिला था। साथ ही, अन्य भत्ते भी तभी दिए जाएंगे जब यह सुनिश्चित हो कि वे वास्तविक रूप से खर्च किए जा रहे हैं और नियमों के अनुसार वैध हैं।

योगी सरकार की कड़ी कार्रवाई में पारदर्शिता और अनुशासन पर फोकस

उत्तर प्रदेश सरकार की यह कार्रवाई प्रशासन में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से मानी जा रही है। इससे पहले भी रजिस्ट्री विभाग में ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामलों में अनियमितताओं के चलते कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें विभाग के महनिदेशक का निलंबन भी शामिल था। ऐसे कदम योगी सरकार के प्रशासनिक सुधारों को और मजबूत करते हैं, जिससे भ्रष्टाचार और लापरवाही पर अंकुश लगेगा।

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