सलमान खान, हर्शाली मल्होत्रा, करीना कपूर खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टारर ब्लॉकबस्टर फिल्म 'बजरंगी भाईजान' (Bajrangi Bhaijaan) बॉलीवुड की सबसे यादगार और शानदार फिल्मों में से एक मानी जाती है।
एंटरटेनमेंट: बजरंगी भाईजान हिंदी सिनेमा की सबसे सफल और दिल छू लेने वाली फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़े, बल्कि भारतीय सिनेमा के इतिहास में इसे इंसानियत और प्यार की मिसाल के तौर पर याद किया जाता है। सलमान खान, हर्शाली मल्होत्रा, करीना कपूर खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की शानदार एक्टिंग से सजी यह फिल्म आज भी लोगों के दिलों में ताजा है।
अब 'बजरंगी भाईजान' की रिलीज को 10 साल पूरे हो गए हैं। इस खास मौके पर फिल्म के निर्देशक कबीर खान ने खुलासा किया है कि आखिर उन्होंने सलमान खान को ही इस फिल्म के लिए क्यों चुना था और उन्होंने 'एक था टाइगर' के बाद दोबारा सलमान के साथ किस सोच के तहत काम किया।
कबीर खान ने बताया बजरंगी भाईजान में सलमान की कास्टिंग का असली कारण
हाल ही में एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कबीर खान ने साफ कहा कि 'बजरंगी भाईजान' के लिए उनकी पहली और आखिरी पसंद हमेशा सलमान खान ही रहे। हालांकि यह भी सच है कि फिल्म की स्क्रिप्ट सलमान तक पहुंचने से पहले आमिर खान को भी ऑफर की गई थी। मगर कबीर ने कहा कि उनके दिमाग में कभी ऋतिक रोशन या कोई और नहीं था। वह इस किरदार के लिए सलमान को ही सोच रहे थे।
कबीर खान के मुताबिक, 'एक था टाइगर' के बाद इंडस्ट्री उनसे और सलमान से एक और बड़ी एक्शन फिल्म की उम्मीद कर रही थी। मगर कबीर का इरादा कुछ अलग था। उन्होंने कहा, मुझे पता था कि मैं सलमान खान के साथ जो पहले कर चुका हूं, उसे दोहराना नहीं चाहता था। मैं उनके साथ एक ऐसी फिल्म बनाना चाहता था, जो दिलों को छू जाए।
हमारी बातचीत में मैं महसूस करता था कि सलमान सिर्फ स्टारडम या एक्शन में नहीं, बल्कि इंसानियत और इमोशंस में भी दिलचस्पी रखते हैं। इसलिए मैंने 'बजरंगी भाईजान' जैसी कहानी चुनी, जहां सलमान का यह पक्ष खुलकर सामने आए।
'एक था टाइगर' के बाद क्यों बदली दिशा?
कबीर खान ने कहा कि 'एक था टाइगर' के बाद उन्हें कई बड़े प्रोडक्शन हाउस और स्टूडियोज से ऑफर आ रहे थे कि वो सलमान के साथ एक और जबरदस्त एक्शन मूवी बनाएं। मगर उन्होंने जानबूझकर इस बार 'एक्शन' नहीं, 'इमोशन' चुना। इंडस्ट्री को लगता था कि मैं सलमान के साथ सिर्फ मसाला फिल्म ही बना सकता हूं। लेकिन 'बजरंगी भाईजान' के जरिए मैं सलमान के अंदर छिपे उस मासूम इंसान को सामने लाना चाहता था, जो इंसानियत की बात करता है।
कबीर खान के मुताबिक, सलमान खान को जब 'बजरंगी भाईजान' की कहानी सुनाई गई तो वो तुरंत तैयार हो गए। सलमान खुद इस बात से खुश थे कि यह फिल्म किसी 'हीरोइक' एक्शन की नहीं, बल्कि एक मासूम बच्ची और इंसानियत की कहानी है। सलमान को खुद यह आइडिया बेहद पसंद आया था कि एक मुस्लिम किरदार, जो पाकिस्तान की बच्ची को उसके घर पहुंचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है, यही फिल्म की जान थी।
सीक्वल पर बोले कबीर खान- अभी इंतजार करिए
हाल ही में चर्चा आई थी कि 'बजरंगी भाईजान' का सीक्वल भी बनाया जाएगा, जिसे सलमान खान 'पवन पुत्र भाईजान' के नाम से टीज कर चुके हैं। लेकिन कबीर खान ने इस पर फिलहाल कोई साफ जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा- जब तक मेरे पास उतनी ही दिल को छू लेने वाली कहानी नहीं होगी, मैं सीक्वल पर काम नहीं करूंगा। बजरंगी भाईजान जैसी फिल्में सिर्फ बिजनेस के लिए नहीं बनाई जातीं, इनका एक इमोशनल मकसद होता है।
2015 में रिलीज हुई 'बजरंगी भाईजान' ने भारत और पाकिस्तान के बीच इंसानियत के रिश्तों को बेहद सरल और सच्चे ढंग से दिखाया। फिल्म ने न सिर्फ भारत में, बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी दिलों को छुआ। इस फिल्म के गाने 'तू जो मिला', 'भर दो झोली मेरी' और इमोशनल सीन आज भी हर सिनेप्रेमी को याद हैं। सलमान खान के करियर की यह सबसे इमोशनल और सेंसिटिव फिल्म मानी जाती है।
कबीर खान ने कहा- सलमान को लोग हमेशा एक एक्शन हीरो के तौर पर याद करते हैं, लेकिन मैंने 'बजरंगी भाईजान' में उनके दिल को लोगों के सामने रखा। यही वजह थी कि यह किरदार उनके करियर में स्पेशल बन गया।