अगर आप 17 जुलाई 2025 के दिन कोई शुभ कार्य करने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए यह पंचांग (Panchang 17 July 2025) बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिन की शुरुआत किसी भी कार्य के लिए शुभ मुहूर्त देखकर करने से सफलता के योग मजबूत होते हैं। गुरुवार, 17 जुलाई 2025 को कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं, राहुकाल का समय क्या रहेगा और किस समय से किस समय तक सुकर्मा योग प्रभावी रहेगा, आइए विस्तार से जानते हैं।
17 जुलाई 2025 का दैनिक पंचांग
- वार: गुरुवार
- पक्ष: कृष्ण पक्ष
- मास: श्रावण मास
- तिथि: सप्तमी तिथि (शाम 7:10 बजे तक)
- नक्षत्र: रेवती नक्षत्र (रात 3:39 बजे तक)
- योग: सुकर्मा योग (सुबह 9:29 बजे से अगले दिन सुबह 6:48 बजे तक)
- करण: गर करण (शाम 7:10 बजे तक), फिर वणिज करण
आज का विशेष योग (Today’s Auspicious Yoga)
सुकर्मा योग का विशेष महत्व होता है। यह योग किसी भी शुभ कार्य, व्यवसायिक सौदे, खरीदारी या यात्रा के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। 17 जुलाई 2025 को यह योग सुबह 9:29 बजे से 18 जुलाई की सुबह 6:48 बजे तक रहेगा। ऐसे में अगर आप कोई बड़ा फैसला या शुभ कार्य करने की सोच रहे हैं तो इस योग का लाभ उठा सकते हैं।
अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat): दोपहर 11:59 बजे से 12:54 बजे तक, यह समय किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
17 जुलाई 2025 का राहुकाल
राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। यह समय ग्रहों के हिसाब से अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं आपके शहर के अनुसार राहुकाल का समय:
शहर राहुकाल का समय
- दिल्ली : दोपहर 02:10 - 03:54 PM
- मुंबई : दोपहर : 02:23 - 04:02 PM
- चंडीगढ़ : दोपहर 02:13 - 03:58 PM
- लखनऊ : दोपहर 01:55 - 03:37 PM
- भोपाल : दोपहर 02:07 - 03:47 PM
- कोलकाता : दोपहर 01:23 - 03:03 PM
- अहमदाबाद : दोपहर 02:26 - 04:06 PM
- चेन्नई : दोपहर 01:51 - 03:27 PM
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय (Sunrise & Sunset Time 17 July 2025)
- सूर्योदय: सुबह 05:33 बजे
- सूर्यास्त: शाम 07:20 बजे
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय पूजा-पाठ, जप, ध्यान और दान आदि के लिए महत्वपूर्ण होता है।
17 जुलाई 2025 का ज्योतिषीय महत्व (Astrological Significance of 17 July 2025)
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन व्रत-पूजन करने से धन, विद्या और बुद्धि का लाभ मिलता है। खासकर श्रावण मास के गुरुवार को पूजा का विशेष महत्व होता है। हालांकि इस दिन कोई विशेष व्रत नहीं है, फिर भी पूजा-पाठ और दान करने से पुण्य की प्राप्ति अवश्य होती है।