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भारत-अमेरिका ट्रेड डील की तैयारी अंतिम चरण में, नवंबर में हो सकता है बड़ा ऐलान

भारत-अमेरिका ट्रेड डील की तैयारी अंतिम चरण में, नवंबर में हो सकता है बड़ा ऐलान

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) अंतिम चरण में है और नवंबर के अंत तक इसका ऐलान हो सकता है। टैरिफ विवाद सहित अधिकांश मुद्दों पर दोनों पक्ष सहमत हैं। समझौता वैश्विक व्यापार संतुलन और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

India US trade: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि नवंबर के अंत तक इसकी घोषणा हो सकती है। पांच चरण की वार्ताओं के बाद दोनों देशों ने अधिकांश व्यापारिक मुद्दों पर सहमति बना ली है। टैरिफ विवाद सहित अन्य मतभेद भी जल्द सुलझ सकते हैं। समझौता ASEAN समिट के दौरान औपचारिक रूप से घोषित किया जा सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली भाग लेंगे।

बातचीत का वर्तमान हाल

सूत्रों के अनुसार, भारत और अमेरिका के अधिकारी समझौते की अंतिम भाषा और औपचारिकताओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। अधिकांश मुद्दों पर दोनों पक्ष पहले ही सहमत हैं और केवल कुछ मामूली मतभेद शेष हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बातचीत की गति पर कोई नया मुद्दा प्रभाव डालने वाला नहीं है और अंतिम रूप जल्द ही तय किया जाएगा।

पांच चरण की वार्ताओं के बाद अब दोनों देश इस व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के बेहद करीब हैं। इन बैठकों में व्यापार, निर्यात-आयात, टैरिफ, ऊर्जा और निवेश से जुड़े प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई है। वार्ता के इस दौर में दोनों देशों ने सकारात्मक रुख अपनाया और मतभेदों को कम करने की कोशिश की।

वाणिज्य मंत्री और अधिकारियों के बयान

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिए हैं कि दोनों देश नवंबर तक समझौते को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत लगातार चल रही है और विभिन्न स्तरों पर दोनों पक्ष सकारात्मक रुख अपना रहे हैं।

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने भी भरोसा जताया कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को हटाने पर जल्द ही सहमति बन सकती है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में टैरिफ विवाद सुलझ सकता है।

टैरिफ विवाद का इतिहास

अमेरिका ने यह शुल्क उस समय लगाया जब भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल की खरीद घटाए और अमेरिका तथा उसके सहयोगी देशों से ऊर्जा आयात बढ़ाए। वर्तमान में भारत अपने कुल कच्चे तेल का लगभग 34 प्रतिशत रूस से और करीब 10 प्रतिशत अमेरिका से आयात करता है। टैरिफ विवाद के बावजूद दोनों देश व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने पर सहमत हैं।

व्यापार समझौते का महत्व

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित BTA दोनों देशों के लिए रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2025 में भारत से अमेरिका का निर्यात 86.51 अरब डॉलर रहा, जिससे अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार बन गया।

यह समझौता दोनों देशों के व्यापारिक संतुलन को बेहतर करेगा और वैश्विक व्यापार में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। इसके अलावा, यह समझौता निवेश, तकनीकी साझेदारी और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को भी बढ़ावा देगा।

ASEAN समिट में ऐलान की संभावना

सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि इस व्यापार समझौते की औपचारिक घोषणा ASEAN समिट के दौरान की जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में वर्चुअली हिस्सा लेंगे। इस समिट के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधि समझौते पर अंतिम हस्ताक्षर कर सकते हैं।

समझौते की घोषणा से व्यापारिक समुदाय में उत्साह बढ़ने की संभावना है। भारतीय निर्यातकों और उद्योगपतियों को इससे वैश्विक बाजार में और अवसर मिलेंगे। साथ ही दोनों देशों के बीच निवेश और आर्थिक सहयोग की संभावनाएं भी मजबूत होंगी।

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