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भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर तेज हुई बातचीत, राजेश अग्रवाल बोले - जल्द बनेगा सकारात्मक रास्ता

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर तेज हुई बातचीत, राजेश अग्रवाल बोले - जल्द बनेगा सकारात्मक रास्ता

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत जारी है। भारतीय अधिकारियों का एक दल इन वार्ताओं के लिए अमेरिका में मौजूद है। दोनों पक्ष 2025 के अंत तक पहले चरण के समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं। चर्चा में शुल्क से जुड़े मुद्दों और तेल आयात बढ़ाने की संभावनाओं पर भी बात हो रही है।

Trade with USA: वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते (BTA) को लेकर भारतीय अधिकारियों का दल इस समय अमेरिका में वार्ता कर रहा है। दोनों पक्ष 2025 के अंत तक समझौते के पहले चरण को निष्कर्ष तक पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हालांकि अमेरिका में सरकारी शटडाउन जारी है, फिर भी बातचीत सक्रिय रूप से चल रही है। चर्चा में शुल्क, व्यापारिक चुनौतियों के समाधान और अमेरिका से तेल आयात बढ़ाने जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से शामिल हैं।

अमेरिका में जारी है भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बैठकें

राजेश अग्रवाल ने बताया कि भारतीय दल इस समय अमेरिका में कई दौर की बैठकों में हिस्सा ले रहा है। उन्होंने कहा कि वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के लिए लाभदायक समाधान निकालना है, जिसमें शुल्क और आयात से जुड़े मुद्दों को भी शामिल किया गया है।

वाणिज्य सचिव गुरुवार को खुद भी इस टीम में शामिल होंगे और आगे की बातचीत का नेतृत्व करेंगे। उनका कहना है कि दोनों देश इस प्रस्तावित व्यापार समझौते को जल्द से जल्द एक ठोस रूप देने पर केंद्रित हैं।

अमेरिकी शटडाउन के बीच जारी है चर्चा

दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका इस समय सरकारी शटडाउन की स्थिति से गुजर रहा है। 1 अक्टूबर को अमेरिकी सरकार आंशिक रूप से बंद हो गई थी क्योंकि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट पार्टी सरकारी खर्चों से जुड़े बिल पर सहमत नहीं हो सके।

अग्रवाल ने कहा कि भले ही यह बातचीत औपचारिक रूप से शटडाउन अवधि में हो रही हो, लेकिन दोनों पक्ष सक्रिय संपर्क में हैं और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य यह समझना है कि मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए क्या रास्ता निकाला जा सकता है। दोनों पक्ष इस दिशा में गंभीर और रचनात्मक संवाद कर रहे हैं।”

शुल्क और निर्यात से जुड़े मुद्दों पर ध्यान

भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ वर्षों में शुल्क और आयात से जुड़े कई विवाद सामने आए हैं। विशेष रूप से स्टील, एल्युमिनियम और फार्मा उत्पादों पर लगे शुल्कों को लेकर मतभेद बने हुए हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस दौर की वार्ता में डिजिटल ट्रेड, मेडिकल उपकरणों, कृषि उत्पादों और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हो रही है। दोनों पक्ष कोशिश कर रहे हैं कि टैरिफ कम करके द्विपक्षीय व्यापार को नई रफ्तार दी जा सके।

भारत से अमेरिका को निर्यात बढ़ाने पर भी चर्चा

वार्ता में भारत से अमेरिका को टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग गुड्स और फार्मा निर्यात बढ़ाने पर भी बातचीत हो रही है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी अधिकारियों के सामने इस बात पर जोर दिया कि भारत का निर्यात बढ़ाने से दोनों देशों को दीर्घकालिक आर्थिक लाभ होगा।

वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि भारत चाहता है कि अमेरिका कुछ गैर-शुल्क बाधाओं (Non-Tariff Barriers) को आसान करे ताकि भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच मिल सके।

तेल व्यापार पर भी बातचीत

अग्रवाल ने यह भी संकेत दिया कि भारत अमेरिका से तेल आयात बढ़ाने पर विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 7-8 वर्षों में भारत की अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद 25 अरब डॉलर से घटकर 12-13 अरब डॉलर तक आ गई है।

उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में 12 से 15 अरब डॉलर तक की अतिरिक्त खरीद की संभावना है। हमारे रिफाइनरियों में इसके लिए किसी बड़े तकनीकी बदलाव की जरूरत नहीं है। अगर समझौता होता है, तो भारत-अमेरिका ऊर्जा साझेदारी को और मजबूती मिलेगी।”

व्यापार संबंधों में सुधार की उम्मीद

भारत और अमेरिका के बीच यह समझौता लंबे समय से चर्चा में है। दोनों देश एक-दूसरे के लिए बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जबकि भारत अमेरिका के लिए तकनीकी और विनिर्माण क्षेत्र में एक मजबूत भागीदार बन चुका है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता दोनों देशों के बीच निवेश, रोजगार और तकनीकी सहयोग को नई दिशा दे सकता है। हालांकि, अभी यह बातचीत प्रारंभिक चरण में है और कई जटिल मुद्दों पर सहमति बनना बाकी है।

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