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जम्मू-कश्मीर में राज्य विवाह सहायता योजना और अन्य योजनाओं में बड़े बदलाव, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

जम्मू-कश्मीर में राज्य विवाह सहायता योजना और अन्य योजनाओं में बड़े बदलाव, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

जम्मू-कश्मीर कैबिनेट ने मंगलवार को राज्य की विवाह सहायता योजना, विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र विकास कोष (सीडीएफ) और चुनाव आयुक्त की आयु सीमा सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी।

श्रीनगर: विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र विकास कोष (सीडीएफ) को प्रति वर्ष तीन करोड़ रुपये से बढ़ाकर चार करोड़ रुपये करने, राज्य विवाह सहायता योजना के तहत लाभार्थी युवतियों के लिए शैक्षिक योग्यता की पात्रता समाप्त करने और प्रदेश चुनाव आयुक्त की अधिकतम आयु सीमा को 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

इसके अलावा, कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर दुकान एवं प्रतिष्ठान विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम, 2017 में संशोधन प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। अब ये प्रस्ताव अंतिम अनुमोदन के लिए राजभवन भेजे जाएंगे। राजभवन की मंजूरी के बाद ही इन फैसलों को लागू किया जाएगा और संबंधित विधेयकों को सत्र की कार्यवाही में पेश किया जाएगा।

विवाह सहायता योजना में बदलाव

राज्य की विवाह सहायता योजना में अब शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इससे अब अधिक संख्या में योग्य और आर्थिक रूप से कमजोर युवतियों को योजना का लाभ मिलेगा। वर्तमान में योजना का लाभ पाने के लिए लाभार्थी को कम से कम मिडिल पास होना जरूरी था। इस बदलाव के बाद, आर्थिक रूप से जरूरतमंद बेटियों को वित्तीय सहायता का लाभ बिना किसी शैक्षिक बाध्यता के मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे योजना की पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ेगी और राज्य में विवाह योग्य गरीब युवतियों की सामाजिक सुरक्षा में सुधार होगा।

विधायकों के विकास कोष (सीडीएफ) में वृद्धि

कैबिनेट ने प्रत्येक विधायक के निर्वाचन क्षेत्र विकास कोष (सीडीएफ) को प्रति वर्ष तीन करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव मंजूर किया।
इस वर्ष की शुरुआत में बजट सत्र के दौरान सभी विधायकों ने सीडीएफ राशि बढ़ाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन में आश्वासन दिया था कि इस मांग पर विचार किया जाएगा। प्रस्तावित वृद्धि से स्थानीय विकास कार्यों में तेजी आने और आधारभूत संरचना को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

कैबिनेट ने प्रदेश चुनाव आयुक्त की अधिकतम आयु सीमा को 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया। चुनाव आयुक्त जम्मू-कश्मीर में पंचायत और नगर निकायों के चुनावों की जिम्मेदारी संभालते हैं।
वर्तमान में यह पद लगभग छह महीने से रिक्त है। आयु सीमा बढ़ाने से अनुभवी अधिकारियों को कार्य करने का अवसर मिलेगा और चुनाव प्रक्रिया की निरंतरता सुनिश्चित होगी।

अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर शॉप्स एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2025 और जीएसटी अधिनियम 2017 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। इन संशोधनों को अब राजभवन भेजा जाएगा। इसके अलावा, कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर इंजीनियरिंग (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 1978 की अनुसूची को भी मंजूरी दी, जिससे विभिन्न इंजीनियरिंग विभागों में मुख्य अभियंता और उच्च पदों पर नियुक्तियों का मार्ग प्रशस्त होगा।

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