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भारत और रूस ने बढ़ाया द्विपक्षीय व्यापार: फार्मा और कृषि में सहयोग से होगा बड़ा आर्थिक फायदा

भारत और रूस ने बढ़ाया द्विपक्षीय व्यापार: फार्मा और कृषि में सहयोग से होगा बड़ा आर्थिक फायदा

भारत और रूस ने गुरुवार, 21 अगस्त 2025 को अपने द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित रूप से बढ़ाने और ऊर्जा सहयोग को बनाए रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार को और मज़बूत करने के लिए गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करना जरूरी है।

नई दिल्ली: भारत और रूस ने द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने के लिए एक अहम संकल्प लिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव की बैठक में विशेष रूप से गैर-टैरिफ बाधाओं और नियामक अड़चनों को दूर करने पर जोर दिया गया, ताकि भारतीय निर्यात को तेजी से बढ़ाया जा सके।

यह पहल ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया है, जिससे भारत के लिए वैकल्पिक बाज़ार तलाशना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इस संदर्भ में, भारत और रूस ने अपने साझा हितों को अधिकतम करने के लिए रणनीतिक कदम उठाए हैं।

भारत और रूस ने बढ़ाया द्विपक्षीय व्यापार

बैठक में जयशंकर ने कहा, “हमारा साझा लक्ष्य हमारी पूरकता को अधिकतम करना है और द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित और टिकाऊ तरीके से बढ़ाना है।” उन्होंने बताया कि भारत और रूस ने विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल, कृषि, वस्त्र और उर्वरक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। इससे न केवल व्यापार असंतुलन को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि भारत के कुशल श्रमिकों को रूस में रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

ऊर्जा सहयोग पर भी बातचीत हुई। दोनों देशों ने ऊर्जा सुरक्षा और दीर्घकालिक सप्लाई सुनिश्चित करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया। इसके तहत, भारत और रूस ने निवेश और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।

रूस में सेवा दे रहे भारतीयों का मुद्दा

बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ेंगे। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद से भारत के नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के अधिकार पर जोर दिया। यह पहल भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहराई को दर्शाती है।

बैठक के दौरान रूस में सेवा दे रहे भारतीय नागरिकों के मामलों को भी उठाया गया। जयशंकर ने कहा कि कई मामलों को हल कर दिया गया है, लेकिन कुछ लोग अभी भी लंबित हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस जल्द ही इन मामलों का समाधान करेगा।

भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियाँ

विदेश मंत्री ने वर्ष के अंत में होने वाले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य द्विपक्षीय चर्चा को गहराई देना और शिखर सम्मेलन के दौरान अधिकतम परिणाम सुनिश्चित करना है। यह सम्मेलन दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा और रणनीतिक सहयोग को और मजबूती प्रदान करेगा।

जयशंकर ने बैठक में कहा कि भारत और रूस के संबंध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे प्रमुख और स्थायी साझेदारी में से एक हैं। भू-राजनीतिक स्थिति, जन भावना और नेतृत्व संपर्क इस संबंध को हमेशा मजबूत बनाए रखेंगे। बैठक में यूक्रेन, पश्चिम एशिया और अफग़ानिस्तान में चल रही स्थिति पर भी चर्चा हुई। भारत लगातार इन विवादों को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल करने पर जोर देता रहा है।

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