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भारत और यूरोप के चार देशों के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता, 100 अरब डॉलर निवेश और 10 लाख नौकरियों की उम्मीद

भारत और यूरोप के चार देशों के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता, 100 अरब डॉलर निवेश और 10 लाख नौकरियों की उम्मीद

भारत और यूरोप के चार देशों के संगठन EFTA के बीच हुआ व्यापार समझौता TEPA अब लागू हो गया है। इसके तहत भारत को अगले 15 सालों में 100 अरब डॉलर का निवेश मिलेगा और करीब 10 लाख नई नौकरियां बनने की उम्मीद है। साथ ही स्विस घड़ियां, चॉकलेट्स और प्रीमियम उत्पाद सस्ते होंगे, जबकि कुछ कृषि वस्तुओं को इस डील से बाहर रखा गया है।

India and EFTA countries mega deal: भारत और यूरोप के चार देशों स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिचटेंस्टीन के संगठन EFTA के बीच हुआ ऐतिहासिक व्यापार समझौता TEPA अब आधिकारिक रूप से लागू हो गया है। यह डील भारत को अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश और 10 लाख नौकरियों का वादा करती है। समझौते के तहत महंगे विदेशी उत्पाद जैसे स्विस घड़ियां और चॉकलेट्स सस्ते होंगे, जबकि दूध, सोया और कुछ कृषि वस्तुओं को इससे बाहर रखा गया है। साथ ही सेवाओं के क्षेत्र में भी भारत और EFTA देशों के बीच नए अवसर खुलेंगे।

100 अरब डॉलर का निवेश और रोजगार की बहार

इस समझौते के तहत भारत को अगले 15 सालों में कुल 100 अरब डॉलर का निवेश मिलेगा। इसमें पहले 10 सालों में 50 अरब डॉलर और फिर अगले 5 सालों में बाकी 50 अरब डॉलर निवेश किए जाएंगे। सरकार का अनुमान है कि इस निवेश से भारत में करीब 10 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। यह रोजगार आईटी, हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग और सेवाओं जैसे कई क्षेत्रों में मिलेंगे।

सबसे खास बात यह है कि अगर ईएफटीए देश तय समय पर निवेश नहीं करते हैं तो भारत को यह अधिकार होगा कि वह उन्हें दी गई ड्यूटी छूट को वापस ले सकता है या उसमें बदलाव कर सकता है। इस शर्त से भारत की स्थिति और मजबूत हो जाती है।

कौन से देश हैं EFTA के सदस्य

EFTA यानी यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन में चार देश शामिल हैं। ये देश हैं – स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिचटेंस्टीन। भारत और EFTA देशों के बीच टीईपीए समझौता 10 मार्च 2024 को साइन हुआ था। अब यह समझौता औपचारिक रूप से लागू हो गया है और इसका असर धीरे-धीरे बाजार में दिखने लगेगा।

आम लोगों को मिलेंगे सीधे फायदे

इस डील का असर भारत के आम ग्राहकों तक भी पहुंचेगा। अब तक विदेशी चीजों पर भारी कस्टम ड्यूटी लगती थी, जिससे वे बहुत महंगी मिलती थीं। लेकिन टीईपीए लागू होने के बाद इन उत्पादों पर लगने वाली ड्यूटी धीरे-धीरे खत्म की जाएगी।

इससे खासकर स्विट्जरलैंड की मशहूर घड़ियां, प्रीमियम चॉकलेट्स, बिस्किट और कुछ खास किचन प्रोडक्ट्स भारतीय ग्राहकों को अब कम दाम में मिलेंगे। यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जो विदेशी ब्रांड्स का शौक रखते हैं।

हालांकि सरकार ने कुछ चीजों को इस समझौते से बाहर रखा है। इनमें दूध, सोया, कोयला और कुछ कृषि उत्पाद शामिल हैं। इसका कारण यह है कि इन प्रोडक्ट्स को शामिल करने से भारतीय किसानों और घरेलू उद्योगों पर असर पड़ सकता था।

सेवाओं के क्षेत्र में भी बड़े मौके

यह समझौता सिर्फ उत्पादों तक सीमित नहीं है बल्कि सेवाओं के क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया है। भारत ने EFTA देशों को अकाउंटिंग, कंप्यूटर, हेल्थ और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे 105 सेक्टर में प्रवेश दिया है।

इसके बदले में EFTA देशों ने भी भारत को अपने बाजारों में अवसर दिए हैं। इसका फायदा भारतीय पेशेवरों को मिलेगा। आईटी, हेल्थकेयर और अकाउंटिंग जैसे क्षेत्रों में भारतीयों को विदेशों में नौकरी करने के और मौके मिलेंगे।

निवेश और व्यापार के नए रास्ते

टीईपीए से भारत और यूरोप के बीच निवेश और व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे। इससे भारत को न सिर्फ बड़े निवेश का लाभ मिलेगा बल्कि भारतीय कंपनियों को भी यूरोप के बाजारों तक आसानी से पहुंचने का मौका मिलेगा।

इस डील से छोटे और मध्यम उद्योगों को भी फायदा होगा क्योंकि वे यूरोपीय देशों में अपने उत्पादों और सेवाओं की नई मार्केट तलाश सकेंगे। वहीं भारतीय आईटी और हेल्थकेयर सेक्टर को यूरोप में मजबूत पकड़ बनाने का सुनहरा मौका मिलेगा।

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