लेह में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हुई। LG कविंद्र गुप्ता ने कहा कि दोषियों पर सबूतों के आधार पर कड़ी कार्रवाई होगी। स्थिति सामान्य है, वाहन और स्कूल अब बहाल हैं।
Leh Violence: लेह (Leh) में लद्दाख को छठी अनुसूची (Sixth Schedule) और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन में हिंसा (violence) भड़क गई थी। इस दौरान पुलिस की कार्रवाई में चार नागरिकों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए। प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्रमुख नेता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को गिरफ्तार किया गया था। अब इस पूरे मामले में लद्दाख के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) कविंद्र गुप्ता ने बड़ा बयान दिया है और कहा कि जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई (strict action) की जाएगी।
लद्दाख में हालात सामान्य
उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने कहा कि पिछले चार दिनों में स्थिति नियंत्रण में रही है। उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक लोग सामान्य रूप से अपने कामकाज में लगे रहे और वाहन भी सामान्य रूप से चल रहे हैं। व्यावसायिक वाहनों (commercial vehicles) को भी अनुमति दी गई है। आठवीं कक्षा तक के सभी शैक्षणिक केंद्र (educational institutions) खुल चुके हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि एक-दो दिन में क्षेत्र पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा।
उन्होंने 24 सितंबर की घटना को दर्दनाक और दुखद बताया और कहा कि यह नहीं होना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों।
सोनम वांगचुक पर कार्रवाई सबूतों के आधार पर
कविंद्र गुप्ता ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कहा कि कार्रवाई सबूतों (evidence) के आधार पर की गई है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वांगचुक अदालत या किसी अन्य माध्यम का सहारा ले सकते हैं, क्योंकि यह उनके मौलिक अधिकारों (fundamental rights) के अंतर्गत आता है। उन्होंने दोहराया कि किसी भी कार्रवाई में केवल और केवल सबूतों का महत्व होगा।
दोषियों पर होगी न्यायसंगत कार्रवाई
उपराज्यपाल ने कहा कि कई लोगों को रिहा कर दिया गया है और उन्हें जमानत (bail) मिल चुकी है। लेकिन जो लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ अंततः कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि मजिस्ट्रेट जांच (magistrate inquiry) शुरू कर दी गई है। क्योंकि लद्दाख एक संवेदनशील और सीमावर्ती (border area) राज्य है, प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
कविंद्र गुप्ता ने यह भी कहा कि बातचीत (dialogue) ही एक माध्यम है जिससे मुद्दों को समझा और हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय ने सर्वोच्च निकाय को आमंत्रित किया है, ताकि सभी पक्ष एक साथ बैठकर निर्णय ले सकें।
हिंसा और गिरफ्तारी का विवरण
24 सितंबर की हिंसा के दौरान लद्दाख में प्रदर्शनकारी राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग कर रहे थे। पुलिस की कार्रवाई में चार नागरिक मारे गए और कई घायल हुए। इस हिंसा के मामले में कुल 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें प्रमुख रूप से सोनम वांगचुक भी शामिल थे। लेह की एक अदालत ने गिरफ्तार व्यक्तियों को अंतरिम जमानत (interim bail) दे दी है।
उपराज्यपाल ने कहा कि प्रशासन इस मामले में पूरी पारदर्शिता (transparency) और कानूनी प्रक्रिया (legal process) का पालन कर रहा है। किसी भी प्रकार की कार्रवाई बिना सबूतों और न्यायसंगत प्रक्रिया के नहीं होगी।