भारत और इजराइल इस हफ्ते द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इजराइल के वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच 8-10 सितंबर तीन दिन के दौरे पर भारत आएंगे। इस समझौते से दोनों देशों के निवेशकों को सुरक्षा मिलेगी और मध्यस्थता के जरिए विवाद निपटाने का मंच मिलेगा। दोनों देश व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करेंगे।
Bilateral Investment Treaty: इजराइल के वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच 8-10 सितंबर के दौरान भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आएंगे, जिसमें भारत और इजराइल द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह समझौता निवेशकों को उचित सुरक्षा देगा और विवाद निपटान के लिए स्वतंत्र मंच प्रदान करेगा। दौरे के दौरान वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। दोनों देश व्यापार बढ़ावा देने और मुक्त व्यापार समझौते की नींव रखने पर भी चर्चा करेंगे।
निवेशकों को मिलेगी सुरक्षा और विवाद समाधान का मंच
इस द्विपक्षीय निवेश संधि के लागू होने से दोनों देशों के निवेशकों को उचित सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। संधि के तहत निवेशकों को उनके निवेश के संबंध में मध्यस्थता के जरिए विवाद निपटान का स्वतंत्र मंच भी प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी विवाद की स्थिति में निवेशकों को तटस्थ और निष्पक्ष समाधान उपलब्ध हो।
इजराइली वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच इस यात्रा के दौरान भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय आर्थिक और वित्तीय संबंधों को मजबूत करना और निवेश को बढ़ावा देना है।
स्मोट्रिच मुंबई और गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी का भी दौरा करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा की जाएगी। इस यात्रा के माध्यम से भारत और इजराइल के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की नींव भी रखी जा सकती है।
द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत पूरी
सूत्रों के अनुसार, भारत और इजराइल ने द्विपक्षीय निवेश संधि के मसौदे पर बातचीत पूरी कर ली है। अब केवल औपचारिक हस्ताक्षर बकाया हैं। उम्मीद है कि वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच अपनी यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस संधि के लागू होने से दोनों देशों के निवेशकों को उनके निवेश की सुरक्षा और मध्यस्थता के जरिए विवाद निपटान का भरोसा मिलेगा।
इजराइल ने साल 2000 से अब तक 15 से अधिक देशों के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें संयुक्त अरब अमीरात, जापान, फिलीपींस, थाईलैंड और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस प्रकार का अनुभव दोनों देशों के बीच निवेश संधि को और अधिक विश्वसनीय बनाता है।
भारत-इजराइल व्यापार साझेदारी
भारत और इजराइल रणनीतिक साझेदार हैं। दोनों देशों के बीच हर साल लगभग 4 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है। रक्षा, कृषि, टेक्नोलॉजी और निवेश जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है। इस निवेश संधि के लागू होने से निवेशकों के लिए नए अवसर खुलेंगे और व्यापारिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
निवेशकों और व्यापार के लिए अवसर
द्विपक्षीय निवेश संधि का उद्देश्य केवल निवेश सुरक्षा देना ही नहीं है। इसके तहत व्यापारिक और निवेश परियोजनाओं में कानूनी सुरक्षा और विवाद समाधान का तंत्र भी मिलेगा। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और दोनों देशों में पूंजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
इजराइल के वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच की इस यात्रा के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर होने की स्थिति में भारत-इजराइल निवेश संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होगा। यह संधि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को तेजी से बढ़ाने में सहायक होगी।