सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है, और इस दिन उनकी विधिपूर्वक पूजा व व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। पूजा में काले तिल का प्रयोग विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय से कर्ज, रोग और पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
Shiva Worship: हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन भक्त प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं और जल में काले तिल डालकर उन्हें अर्पित करते हैं। पूजा विधि के अनुसार फूल, बेलपत्र, भांग और दीपक से भगवान शिव की आरती की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन की पूजा और व्रत से जीवन में सुख-शांति, आर्थिक लाभ और रोग मुक्ति प्राप्त होती है।
सोमवार की पूजा का महत्व
हिंदू शास्त्रों में सोमवार को भगवान शिव के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन व्रत रखना और विधिपूर्वक पूजा करना, शिव भक्तों के लिए कई प्रकार के लाभ लाता है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से सोमवार को शिव जी की पूजा करता है, तो उसके घर में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है। पूजा और व्रत से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दांपत्य जीवन में भी मधुरता आती है।
काले तिल का चमत्कारिक प्रभाव
भक्तों के अनुसार, पूजा के समय जल में काले तिल डालकर भगवान शिव को चढ़ाने से चमत्कारी फल प्राप्त होते हैं। देवकीनंदन ठाकुर बताते हैं कि यदि किसी व्यक्ति को कोई रोग है, तो उसे जल में काले तिल डालकर शिव जी को अर्पित करना चाहिए। इससे व्यक्ति रोग मुक्त होता है और उसका स्वास्थ्य बेहतर रहता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इस संसार में सबसे बड़ी संपत्ति स्वास्थ्य है, और काले तिल के माध्यम से शिव जी की कृपा प्राप्त करने से यह सुनिश्चित होता है।
सोमवार की पूजा कैसे करें
सोमवार के दिन पूजा का आरंभ प्रातःकाल स्नान से करना चाहिए। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पंचामृत से विधिपूर्वक भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए। पूजा स्थल पर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिव जी की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा पर सफेद चंदन का तिलक लगाएं और महादेव को सफेद फूल, धतूरा, भांग और बेलपत्र अर्पित करें।
पूजा के दौरान शिव जी को स्वच्छ जल से स्नान कराना चाहिए, जिसमें काले तिल भी डाल सकते हैं। इसके बाद देशी घी का दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें। सोमवार की व्रत कथा का पाठ करना या सुनना भी शुभ माना जाता है। पूजा के अंत में खीर, फल और मिठाई का भोग लगाना चाहिए और बाद में इसे प्रसाद के रूप में लोगों में वितरित करना चाहिए।
शिव पूजा के लाभ
सोमवार की पूजा से न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं, बल्कि यह साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति भी लाती है। पूजा करने वाले व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा से आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। संतान सुख, दांपत्य जीवन की समस्याओं और नौकरी या व्यवसाय में आने वाली कठिनाइयों में भी इस दिन की पूजा से लाभ प्राप्त होता है।
काले तिल के प्रयोग से शिव जी की कृपा विशेष रूप से प्राप्त होती है। जल में काले तिल डालकर पूजा करने से रोग दूर होते हैं और व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। धार्मिक मान्यता है कि यह उपाय घर में समृद्धि, खुशहाली और सुख-शांति लाने में भी सहायक है।
व्रत और कथा का महत्व
सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। व्रत कथा सुनना या पढ़ना शुभ माना जाता है। व्रत के दौरान उपवास रखने वाले व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक लाभ भी मिलता है। व्रत के नियमों का पालन करके भगवान शिव की पूजा करने से साधक का आध्यात्मिक विकास होता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
पूजा का सही तरीका
- स्नान और वस्त्र: प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- अभिषेक: पंचामृत से शिव जी का विधिपूर्वक अभिषेक करें।
- स्थापना: लाल कपड़े पर शिव प्रतिमा स्थापित करें।
- सजावट: प्रतिमा पर सफेद चंदन का तिलक, फूल, धतूरा, भांग और बेलपत्र अर्पित करें।
- जल और तिल: जल में काले तिल डालकर शिव जी को स्नान कराएं।
- दीपक और आरती: देशी घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव की आरती करें।
- भोग और प्रसाद: खीर, फल और मिठाई का भोग लगाकर लोगों में प्रसाद वितरित करें।
सोमवार की पूजा भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। काले तिल का प्रयोग विशेष रूप से स्वास्थ्य, समृद्धि और मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि जीवन के अनेक क्षेत्रों में भी सफलता और खुशहाली आती है। धार्मिक मान्यता और शास्त्रों के अनुसार, सोमवार का दिन शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी होता है।