भोपाल में लागू किए गए ‘नो हेलमेट, नो पेट्रोल’ नियम को लेकर हाल ही में कुछ विरोधाभासी तस्वीर सामने आई है। शुरुआत में सख्ती से लागू किए गए इस नियम का असर अब कम दिख रहा है। पेट्रोल पंपों पर लगे बैनर और चेतावनी के बावजूद कई कर्मचारी बिना हेलमेट वाले ग्राहकों को पेट्रोल दे रहे हैं।
भोपाल: 'नो हेलमेट, नो पेट्रोल' वाला नियम अगस्त में लागू किया गया था और शुरुआत में इसे सख्ती से लागू किया गया। लेकिन अब यह नियम कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। पेट्रोल पंपों पर बैनर आज भी लगे हैं, लेकिन कर्मचारी बिना हेलमेट वाले ग्राहकों को भी पेट्रोल दे रहे हैं। इस बीच ट्रैफिक पुलिस ने फिर से चेकिंग शुरू कर दी है। एक ही दिन में 122 लोगों पर हेलमेट न पहनने और 22 लोगों पर सीट बेल्ट न लगाने के लिए जुर्माना लगाया गया।
कब हुई नियम की शुरुआत?
‘नो हेलमेट, नो पेट्रोल’ नियम अगस्त में शुरू किया गया था। शुरुआत में इसे सख्ती से लागू किया गया और लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। नियम के तहत हेलमेट न पहनने वाले दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलना था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। पेट्रोल पंपों पर बैनर तो आज भी लगे हैं, लेकिन कर्मचारी बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल दे रहे हैं। यही वजह है कि नियम की प्रभावशीलता कमजोर होती दिख रही है।
ट्रैफिक पुलिस ने फिर से शुरू की सख्ती
भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने हाल ही में 15 दिन के विशेष चेकिंग अभियान की शुरुआत की है। अभियान के पहले ही दिन 122 लोगों पर हेलमेट न पहनने और 22 लोगों पर सीट बेल्ट न लगाने का जुर्माना लगाया गया। यहां तक कि पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात एक पुलिसकर्मी भी बिना हेलमेट के पकड़ा गया और उस पर जुर्माना लगाया गया। इससे यह साफ होता है कि नियम अब भी लागू है, लेकिन जनता और पेट्रोल पंपों में इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।
भोपाल के गुलमोहर कॉलोनी के निवासी राकेश तिवारी ने कहा, मैं हेलमेट पहनकर स्कूटर चलाने में असहज महसूस करता हूं। नियम आने के बाद मैंने हेलमेट स्कूटर में रखना शुरू किया था और पेट्रोल पंप पर पहन लेता था। लेकिन अब देखा है कि बिना हेलमेट वालों को भी पेट्रोल मिल रहा है। पहले जैसी सख्ती नहीं रही।
पंकज सिंह ने कहा, अब पेट्रोल पंप पर हेलमेट के लिए नहीं पूछते। पहले लोग लाइन में लगे दूसरों से हेलमेट उधार मांगते थे। अब इसकी ज़रूरत नहीं है। शायद कुछ पेट्रोल पंप पर पूछते होंगे, लेकिन जोर नहीं देते।
पेट्रोल पंप एसोसिएशन की चिंता
एमपी पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि यह नियम अव्यवहारिक था और फेल होना तय था। उन्होंने कई हिंसक घटनाओं का जिक्र किया, जिसमें भिंड में एक कर्मचारी को गोली मार दी गई थी। गांधी नगर में भी ऐसे हादसे हुए। अजय सिंह ने कहा, लोग बिना हेलमेट के पुलिस स्टेशन और चौराहों से गुजरते हैं।
पेट्रोल पंप वालों से नियम का पालन करवाने की उम्मीद करना मुश्किल है। वे व्यापारी हैं, वे ग्राहकों को नाराज नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी पैनल की सिफारिश के बाद भोपाल और इंदौर में यह नियम लागू किया गया था।