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बिहार चुनाव 2025: ओवैसी की पार्टी AIMIM ने किया ऐलान, 100 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार

बिहार चुनाव 2025: ओवैसी की पार्टी AIMIM ने किया ऐलान, 100 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। पार्टी तीसरे मोर्चे के विकल्प के तौर पर राजनीतिक हलचल बढ़ा रही है और कई दलों से गठबंधन की बातचीत कर रही है।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधानसभा की 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। यह कदम सियासी विश्लेषकों के अनुसार बिहार में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को जन्म दे सकता है।

पार्टी ने पहले ही 32 सीटों की सूची घोषित की थी, जिसमें सीमांचल क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। ओवैसी की पार्टी अब पूरे बिहार में अपना दांव खेलने के लिए तैयार है, जिससे एनडीए और महागठबंधन दोनों पर नया दबाव बनेगा।

ओवैसी का सीमांचल दौरा

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में सीमांचल का दौरा किया, जो पार्टी का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। उन्होंने कटिहार, किशनगंज, अररिया और पूर्णिया के जिलों में जनसभाएं की और स्थानीय कार्यकर्ताओं से नए राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा की।

किशनगंज में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा, “मैं बिहार में कई साथियों से मिलने और नई मित्रता करने के लिए उत्सुक हूं। राज्य की जनता को नया विकल्प चाहिए और हम वही बनने की कोशिश कर रहे हैं।”

एआईएमआईएम का चुनावी प्रदर्शन

सीमांचल क्षेत्र बिहार के पूर्वोत्तर हिस्से में आता है और मुस्लिम बहुल आबादी वाला इलाका है। गरीबी, विकास की कमी और अल्पसंख्यक मुद्दों के कारण यह क्षेत्र लंबे समय से राजनीतिक दलों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है।

2015 में एआईएमआईएम ने पहली बार सीमांचल की छह सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि सफलता नहीं मिली, 2020 में पार्टी ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और पांच सीटों पर जीत हासिल की। विजयी उम्मीदवारों में अमौर से अख्तरुल ईमान, बहादुरगंज से मोहम्मद अंजार नइमी, बायसी से सैयद रुकनुद्दीन, कोचाधामन से इजहार असर्फी और जोकीहाट से शाहनवाज आलम शामिल थे।

गठबंधन और राजनीतिक समीकरण

ओवैसी अब सीमांचल से बाहर बिहार की राजनीति में व्यापक दखल देने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी कई दलों के साथ गठबंधन की बातचीत कर रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मुस्लिम मतदाता जहां निर्णायक हैं, वहां महागठबंधन को चुनौती मिल सकती है, और पिछड़ी जातियों की भूमिका वाले क्षेत्रों में राजग को भी प्रभावित किया जा सकता है।

बिहार में मुस्लिम आबादी 17.7 प्रतिशत से अधिक है, और 47 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक हो सकते हैं। इनमें 11 सीटों पर मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है, सात सीटों पर 30 प्रतिशत से अधिक और 29 सीटों पर 20 से 30 प्रतिशत के बीच है।

100 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा, “हम बिहार चुनाव में तीसरा विकल्प पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी योजना 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की है। हमने महागठबंधन के नेताओं को पत्र भेजा, लेकिन कोई रुचि नहीं दिखाई।”

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी और दोनों बड़े गठबंधनों, राजग और महागठबंधन, को अपनी ताकत दिखाएगी।

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