अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद, तिमाही नतीजे और महंगाई के आंकड़े असर डाल सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 100% टैरिफ लगाने से वैश्विक बाजारों में गिरावट दिखी है। घरेलू स्तर पर कंपनियों के नतीजे और महंगाई दर बाजार की दिशा तय करेंगे।
Stock Market: अगला हफ्ता भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) के लिए चुनौती भरा हो सकता है। बीते सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी में शानदार तेजी के बाद अब निवेशकों की नजर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद पर टिकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा चीन पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल शुरू हो गई है। इसका असर सोमवार से ही भारतीय बाजारों पर दिख सकता है। इसके अलावा कुछ घरेलू फैक्टर भी हैं जो बाजार की दिशा तय करेंगे।
बीते हफ्ते दिखी जबरदस्त तेजी
पिछला सप्ताह शेयर बाजार के लिए शानदार रहा। बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 1,293.65 अंक यानी लगभग 1.59% की मजबूती के साथ बंद हुआ। निफ्टी में भी अच्छी बढ़त देखने को मिली। इस दौरान बड़ी कंपनियों के स्टॉक्स ने बाजार में रौनक बढ़ाई।
टाटा ग्रुप की टीसीएस (TCS), इंफोसिस (Infosys) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया। आठ प्रमुख कंपनियों की मार्केट वैल्यू में लगभग 1.94 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के मार्केट कैप में भी मजबूत बढ़त दर्ज हुई।
हालांकि, इस तेजी के बीच अब बाजार के लिए नई चुनौतियाँ सामने हैं, जो अगले हफ्ते की चाल को प्रभावित कर सकती हैं।
पहला फैक्टर: अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ युद्ध
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव (Trade Tension) फिर से बढ़ गया है। बीते शुक्रवार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल (Truth Social) अकाउंट पर चीन पर अनुचित व्यापार नीतियों का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका अब सख्त रुख अपनाएगा।
ट्रंप ने कहा कि 1 नवंबर से चीन पर 100% टैरिफ लागू होगा। इसके बाद चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका का यह कदम चीन के हितों को नुकसान पहुंचाता है और द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के माहौल को कमजोर करता है। मंत्रालय ने कहा कि चीन लड़ना नहीं चाहता लेकिन यदि जरूरत पड़ी तो जवाब देगा।
अमेरिकी बाजारों पर दिखा तगड़ा असर
अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद का असर शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों पर साफ दिखा। नैस्डैक (Nasdaq) 3.56%, एसएंडपी 500 (S&P 500) 2.71% और डॉव जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones) 1.90% तक गिर गया। निवेशकों में डर का माहौल बन गया और ग्लोबल मार्केट में बिकवाली तेज हो गई।
एनरिच मनी के मार्केट एनालिस्ट पोनमुडी आर का कहना है कि यह पहला बड़ा फैक्टर होगा, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिलेगा। उनका कहना है कि इस विवाद से निवेशकों की भावना कमजोर होगी और उभरते बाजारों के शेयरों व करेंसी पर दबाव पड़ सकता है।
दूसरा फैक्टर: तिमाही नतीजों का असर
अगला हफ्ता कॉर्पोरेट जगत के लिए भी अहम है। इस दौरान देश की कई बड़ी कंपनियां अपनी दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे जारी करेंगी। इनमें एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies), रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और कुछ प्रमुख आईटी कंपनियों के रिजल्ट शामिल हैं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि "Q2 रिजल्ट्स बाजार की गति के लिए निर्णायक साबित होंगे। खासकर बैंकिंग और आईटी सेक्टर के प्रदर्शन पर सभी की नजर रहेगी।"
तीसरा फैक्टर: महंगाई के आंकड़े
बाजार की चाल पर तीसरा अहम असर महंगाई के आंकड़ों का होगा। सरकार की ओर से सितंबर महीने के खुदरा (Retail) और थोक (Wholesale) महंगाई दर के आंकड़े इसी हफ्ते जारी किए जाएंगे।
13 अक्टूबर को खुदरा महंगाई (CPI) और 14 अक्टूबर को थोक महंगाई (WPI) के आंकड़े घोषित होंगे। अगर महंगाई दर अपेक्षा से अधिक रही, तो बाजार पर दबाव बढ़ सकता है क्योंकि इससे ब्याज दरों में सख्ती की आशंका बढ़ेगी।