Columbus

बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध, कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं लालू यादव

बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध, कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं लालू यादव

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध पैदा हो गया है। लालू यादव कांग्रेस को 50 से अधिक सीटें देने के पक्ष में नहीं हैं। अखिलेश सिंह इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि तेजस्वी यादव राहुल गांधी से मुलाकात कर गठबंधन की चुनावी रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं।

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद गहरा गया है। सूत्रों के अनुसार, लालू प्रसाद यादव कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं। इस मसले को सुलझाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश सिंह सक्रिय हैं। तेजस्वी यादव आज देर शाम दिल्ली जा सकते हैं और राहुल गांधी से मिलकर गठबंधन की चुनावी रणनीति और सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे।

अखिलेश सिंह के जरिए समाधान की कोशिश

सूत्र बताते हैं कि इस गतिरोध को सुलझाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह सक्रिय हो गए हैं। वे लालू प्रसाद यादव के संपर्क में रहकर महागठबंधन के लिए सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश सिंह ने बीती शाम लालू से मुलाकात की थी और आज भी इस मुद्दे पर चर्चा करने की संभावना जताई जा रही है।

राजद नेता तेजस्वी यादव आज देर शाम दिल्ली जा सकते हैं। वहां वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में महागठबंधन के आगामी चुनावी रणनीति और सीट बंटवारे के मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की संभावना है।

महागठबंधन में सीट बंटवारे का पिछला रिकॉर्ड

2020 के विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनिवादी (CPI-ML), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने मिलकर चुनाव लड़ा था। उस समय राजद को 144 सीटें, कांग्रेस को 70 सीटें, CPI-ML को 19, CPI को 6 और CPM को 4 सीटें दी गई थीं।

तब मुकेश सहनी गठबंधन के सीट बंटवारे की घोषणा के दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर निकलकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गए थे। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उन्हें अपने कोटे की 11 सीटें दी थीं।

महागठबंधन में नए घटक

अब महागठबंधन में मुकेश सहनी लंबे समय से शामिल हैं। इसके अलावा हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) भी सीट मिलने पर गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इन नए घटकों के जुड़ने से महागठबंधन का समीकरण और जटिल हो गया है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार सीटों के बंटवारे को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव चाहते हैं कि राजद की प्रमुखता बनी रहे, वहीं कांग्रेस भी अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।

सीट बंटवारे पर रणनीतिक विकल्प

सामाजिक समीकरण, जातीय समीकरण और क्षेत्रीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सीटों का बंटवारा करना महागठबंधन के लिए अहम है। लालू यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव चाहते हैं कि राजद की शक्ति पहले जैसी बनी रहे। वहीं कांग्रेस को कुछ बड़ी सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की जरूरत है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अखिलेश सिंह का दखल इसमें निर्णायक साबित हो सकता है। उनका प्रयास है कि महागठबंधन का फॉर्मूला जल्द तैयार हो और चुनाव प्रचार में समय रहते रणनीति को अमल में लाया जा सके।

तेजस्वी और राहुल गांधी की अहम बैठक

तेजस्वी यादव की दिल्ली यात्रा का मकसद महागठबंधन की आगामी चुनावी रणनीति पर कांग्रेस नेतृत्व के साथ चर्चा करना है। इस बैठक में सीटों के बंटवारे के अलावा प्रचार, उम्मीदवारों की सूची और गठबंधन के संदेश पर भी विचार किया जाएगा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की बातचीत से यह स्पष्ट होगा कि महागठबंधन चुनावी मैदान में किस रूप में उतरेगा।

Leave a comment