बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में संभावित विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों में तेजी ला दी है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी संगठन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनावी रणनीति को धार देने के लिए संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 6 प्रमुख प्रकोष्ठों के नए अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है, जो पार्टी की चुनावी तैयारियों को संगठित और मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
लालू यादव ने की नई टीम की घोषणा
5 जुलाई को लगातार 13वीं बार आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए लालू प्रसाद यादव ने अपनी नई टीम का ऐलान किया। इस टीम में अनुभवी और नए चेहरों को शामिल कर यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि आरजेडी जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूती देने और समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से आगे बढ़ रही है। आरजेडी की नई टीम में जिन छह प्रमुख प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की घोषणा की गई है, वे इस प्रकार हैं:
- महिला प्रकोष्ठ – पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती कांति सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है।
- युवा प्रकोष्ठ – वर्तमान सांसद अभय कुशवाहा को कमान सौंपी गई है।
- अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ – वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति प्रकोष्ठ – बिहार सरकार में पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम को जिम्मेदारी दी गई है।
- किसान प्रकोष्ठ – सांसद सुधाकर सिंह को प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है।
- छात्र प्रकोष्ठ – शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रोफेसर नवल किशोर को यह जिम्मेदारी दी गई है।
सामाजिक समीकरणों का रखा गया ध्यान
आरजेडी की इस नई टीम में महिला, युवा, छात्र, अल्पसंख्यक, दलित-आदिवासी और किसान वर्गों को महत्व देकर यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि पार्टी सभी वर्गों के हितों की प्रतिनिधि है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन वर्गों को संगठित कर ही महागठबंधन को मजबूत और एकजुट रखा जा सकता है।संगठनात्मक फेरबदल में यह भी साफ झलकता है कि पार्टी आगामी चुनाव को पूरी रणनीतिक तैयारी और सामाजिक संतुलन के साथ लड़ना चाहती है।
आरजेडी ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ही आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। वे महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष भी हैं और चुनाव से जुड़े सभी प्रमुख निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं। पार्टी का मानना है कि तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता और युवा अपील उन्हें मुख्यमंत्री पद का स्वाभाविक चेहरा बनाती है। इसके साथ ही वे पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं, जिससे उन्हें प्रशासनिक अनुभव भी हासिल है।