सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि वे अपनी सेवानिवृत्ति के बाद किसी भी प्रकार का सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे। महाराष्ट्र के अमरावती में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही।
Chief Justice of India: भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India - CJI) बी.आर. गवई ने एक अहम घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि वे रिटायरमेंट के बाद कोई भी सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे। यह बयान उन्होंने अपने पैतृक गांव दारापुर (महाराष्ट्र) में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दिया। CJI गवई ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वह परामर्श (consultation) और मध्यस्थता (mediation) के कार्य करेंगे, लेकिन किसी भी प्रकार का सरकारी दायित्व नहीं निभाएंगे।
न्यायिक सेवा के बाद का जीवन होगा सादा और सेवा भाव से प्रेरित
CJI गवई ने अमरावती जिला और सत्र न्यायालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में दिवंगत टी.आर. गिल्डा मेमोरियल ई-लाइब्रेरी के उद्घाटन अवसर पर यह घोषणा की। उन्होंने कहा: मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं और आज फिर दोहराता हूं कि 24 नवंबर 2025 के बाद, जब मैं रिटायर हो जाऊंगा, मैं कोई भी सरकारी पद नहीं लूंगा। मैं अपनी सेवाएं केवल सलाहकार और मध्यस्थ के रूप में दूंगा।
पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों को देना चाहते हैं अधिक समय
CJI गवई ने यह भी बताया कि रिटायरमेंट के बाद वह अपने पारिवारिक और सामाजिक जीवन को प्राथमिकता देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने पैतृक गांव दारापुर, अमरावती और नागपुर में अधिक समय बिताने की योजना बना रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान सीजेआई का गांव में भव्य स्वागत किया गया। लोगों ने पारंपरिक तरीके से उनका अभिनंदन किया। उन्होंने अपने पिता आर.एस. गवई — जो कि केरल और बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं — के स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
मुख्य न्यायाधीश का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब अक्सर यह देखा गया है कि उच्च न्यायालयों या सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त होने के बाद कई न्यायाधीश राज्यपाल, आयोगों के अध्यक्ष या अन्य संवैधानिक पदों को ग्रहण करते हैं। ऐसे में CJI गवई का यह फैसला राजनीतिक और सरकारी दबाव से स्वतंत्र न्यायपालिका की मिसाल पेश करता है।
उनका यह निर्णय न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह संदेश देता है कि न्यायपालिका में सेवा देने के बाद भी कोई व्यक्ति बिना लाभ की अपेक्षा के समाज और कानून की सेवा कर सकता है।
न्यायिक क्षेत्र में शानदार योगदान
बी.आर. गवई 23 नवंबर 2025 को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने अपने कार्यकाल में संविधान, नागरिक अधिकारों, पर्यावरण और सामाजिक न्याय से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय दिए हैं। न्यायपालिका में उनका सफर न केवल न्यायिक गहराई से भरा रहा है, बल्कि उनकी कार्यशैली भी जनहित को केंद्र में रखने वाली रही है।