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Bihar Election 2025: अशोक गहलोत ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, कहा – 20 साल का विनाशकाल

Bihar Election 2025: अशोक गहलोत ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, कहा – 20 साल का विनाशकाल

Bihar Election 2025: अशोक गहलोत ने नीतीश कुमार और NDA सरकार पर साधा निशाना, 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने बिहार में पिछले 20 वर्षों में सुशासन की कमी, भ्रष्टाचार और आर्थिक घोषणाओं के धरातल पर न दिखने का आरोप लगाया।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने गुरुवार को पटना में प्रेस वार्ता के दौरान नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। गहलोत ने कहा कि यह चुनाव केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के भविष्य की दिशा तय करेगा।

गहलोत, जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने बिहार चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, ने राज्य में पिछले 20 वर्षों के सुशासन की कमी, भ्रष्टाचार और केंद्र सरकार की आर्थिक घोषणाओं के धरातलीय प्रभाव की कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बिहार का वर्तमान प्रशासन लगातार पारदर्शिता और जवाबदेही के स्तर पर विफल रहा है।

बीते 20 साल में सुशासन न होने पर सवाल

अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले बीस वर्षों में बिहार में सतत और ठोस शासन नहीं हो पाया। उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे बार-बार पाला बदलते रहे, जिससे राज्य का स्थायी विकास बाधित हुआ।

गहलोत ने स्पष्ट किया, “बिना सुशासन के विकास, समस्याओं का समाधान और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण संभव नहीं होता। यही कारण है कि बिहार सभी क्षेत्रों में पिछड़ गया है और उसकी दुर्दशा आज सबके सामने है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बीस साल का ‘विनाशकाल’ बिहार की जनता के लिए चेतावनी है। गहलोत ने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस चुनावी रणनीति में सुशासन को प्रमुख मुद्दा बनाएगी।

भ्रष्टाचार और जवाबदेही पर निशाना

कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और मंत्रियों पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाए।

गहलोत ने कहा, “डिप्टी सीएम और मंत्रियों पर खुलेआम तथ्यात्मक आरोप हैं, फिर भी किसी का इस्तीफा नहीं हो रहा। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ने यह नीतिगत निर्णय ले लिया है कि चाहे कुछ भी हो, किसी मंत्री का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। लोकतंत्र में यह प्रवृत्ति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि राजनीतिक जवाबदेही की कमी और भ्रष्टाचार की स्थिति बिहार के लोकतंत्र के लिए संकटपूर्ण संकेत हैं।

एनडीए सरकार की आर्थिक घोषणाओं पर सवाल

गहलोत ने केंद्र सरकार की बिहार के लिए की गई आर्थिक घोषणाओं पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य को 50 हजार करोड़ से 1.25 लाख करोड़ रुपये तक की सहायता देने का वादा किया था, लेकिन इसका कोई वास्तविक प्रभाव नहीं दिखता।

गहलोत ने कहा, “सालों से सहायता का दावा किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर जनता को इसका लाभ नहीं मिला। यह चिंता का विषय है और चुनावी बहस का हिस्सा होना चाहिए। बिहार की जनता को केवल वादों से संतोष नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें ठोस और व्यावहारिक परिणाम चाहिए।”

बिहार चुनाव तय करेगा देश की राजनीतिक दिशा

गहलोत ने बताया कि बिहार चुनाव केवल राज्य की राजनीति तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि “पूरा देश यह जानना चाहता है कि बिहार के चुनाव में क्या होगा, क्योंकि यह चुनाव देश के भविष्य की दिशा तय करेगा।”

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस इस चुनाव में संपूर्ण रणनीति के तहत सुशासन, भ्रष्टाचार, आर्थिक विकास और जवाबदेही को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएगी। गहलोत के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी बिहार चुनाव में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर दोनों ही दृष्टिकोण से रणनीति बना रही है। उनका मानना है कि बिहार का परिणाम देश की राजनीति पर भी असर डाल सकता है।

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