बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एस सिद्धार्थ ने VRS लिया है। माना जा रहा है कि वे नवादा से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। 29 वर्षों का प्रभावशाली प्रशासनिक अनुभव उनके साथ है।
Bihar: बिहार सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. एस सिद्धार्थ ने वॉलंट्री रिटायरमेंट (VRS) ले लिया है। माना जा रहा है कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में नवादा से राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं। 29 वर्षों के प्रशासनिक करियर में उन्होंने कई अहम पदों पर रहते हुए राज्य की नीतियों और विकास योजनाओं को दिशा दी।
अचानक VRS लेने का फैसला, अब राजनीति में कदम संभव
डॉ. एस सिद्धार्थ का कार्यकाल 30 नवंबर 2025 तक था, लेकिन उन्होंने समय से पहले प्रशासनिक सेवा से VRS ले लिया। इस फैसले के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में नवादा जिले से मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि, अभी तक उन्होंने इस पर सार्वजनिक रूप से कोई घोषणा नहीं की है।
29 साल का प्रभावशाली प्रशासनिक करियर
डॉ. सिद्धार्थ ने अपने 29 वर्षों के करियर में जिला प्रशासन से लेकर राज्य और केंद्र सरकार तक की कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं। वे मुजफ्फरपुर, भोजपुर, औरंगाबाद और लोहरदगा जिलों के डीएम रह चुके हैं। केंद्र सरकार में उन्होंने भारी उद्योग मंत्रालय में निदेशक पद पर भी काम किया।
मुख्यमंत्री के सचिव से लेकर शहरी विकास और उद्योग विभाग तक
बिहार सरकार में उन्होंने मुख्यमंत्री के सचिव, शहरी विकास सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, श्रम विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव जैसे उच्च पदों पर योगदान दिया। उन्होंने कई बड़े और प्रभावशाली नीतिगत दस्तावेजों का निर्माण किया, जो राज्य के विकास में अहम साबित हुए।
शहरी योजनाओं और मेट्रो प्रोजेक्ट को दी दिशा
शहरी विकास विभाग में काम करते हुए डॉ. सिद्धार्थ ने 2014 में बिहार अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट, उसके नियम और बिल्डिंग बायलॉज का ड्राफ्ट तैयार किया। इसके अलावा उन्होंने पटना मेट्रो की DPR और मेट्रोपॉलिटन मास्टर प्लान की नींव रखी।
उद्योग नीति, स्टार्टअप्स और इन्वेस्टमेंट एक्ट में रही भूमिका
उद्योग विभाग में रहते हुए उन्होंने बिहार इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2016, इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एक्ट 2016, और स्टार्टअप पॉलिसी 2017 जैसी योजनाओं का प्रारूप तैयार किया। उन्होंने औद्योगिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए Ease of Doing Business सुधारों में भी अहम भूमिका निभाई।
हैंडलूम, सिल्क और स्किल डिवेलपमेंट को दिया बढ़ावा
डॉ. सिद्धार्थ ने हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, रेशम उद्योग और स्किल डिवेलपमेंट को लेकर भी महत्वपूर्ण काम किए। उन्होंने उद्यमियों के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए कई विभागों को डिजिटल सुधारों से जोड़ा।
कई संस्थानों और बोर्ड में निभाई जिम्मेदारी
वह गृह, वित्त, सामान्य प्रशासन, गन्ना, लोक शिकायत विभाग और बिहार फाउंडेशन जैसे संस्थानों में उच्च पदों पर रह चुके हैं। इसके अलावा वे बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के निदेशक और बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) के चेयरमैन भी रहे।
डॉ. सिद्धार्थ की विशेषज्ञता इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट, ई-गवर्नेंस और इकोनॉमिक पॉलिसी जैसे क्षेत्रों में मानी जाती है। वे सेंटर फॉर इकनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनेंस के चेयरमैन और डायरेक्टर भी हैं। भारत सरकार के कई सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) के बोर्ड में भी वे निदेशक के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं।